AIN NEWS 1: बता दें मोहब्बत का कोई मजहब नहीं होता। प्यार के खातिर लोग अक्सर मजहब की दीवारें तोड़ अपने जीवन साथी को पाने की हर संभव कोशिश करते हैं। एक ऐसा ही ताजा मामला औरैया के भर्रापुर में सामने आया है, जहां एक मुस्लिम लड़की और हिंदू लड़के की शादी खूब ज्यादा चर्चा में है। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार, भर्रापुर के मंदिर में सदर विधायक गुड़िया कठेरिया की मौजूदगी में ही मुस्लिम लड़की और हिंदू लड़के ने आपस में हिंदू रीति रिवाज के साथ एक दूसरे को अपना जीवन साथी सबके सामने बना लिया। इस शादी को देखने के लिए मंदिर में लोगों की काफ़ी भारी भीड़ जुटी थी।वहीं, सात फेरों के बाद प्रेमी युगल को परिजनों ने और वहां मौजूद लोगों ने उनके सुखमय जीवन का मिलकर आशीर्वाद दिया। बताया तो यह गया कि सहार क्षेत्र के गांव शहबाजपुर की मुस्लिम युवती खुशनुमा की दोस्ती भर्रापुर के अमन से हुई। ये काफी समय से दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे।
जाने पंचायत के बाद ही दोनों के परिवार शादी के लिए हुए थे राजी
उनका प्यार धीरे-धीरे परवान चढ़ता गया। इसके बाद दोनों ने ही शादी करने का मन बना लिया, लेकिन इनकी शादी में धर्म आड़े आने लगा। इस पर इस युवती ने विधायक से संपर्क कर अपनी पूरी बात बताई, जिसके बाद गांव में इसको लेकर एक पंचायत बैठी। दोनों के परिजन ही मजहब की दीवार को तोड़ इस शादी को खुशी खुशी राजी हो गए।
जाने दोनों पक्षों की सहमति से ही हुई शादी
जाने गुरुवार दोपहर 12 बजे दोनों ने मंदिर में ही शादी रचा ली और इसके बाद दोनों हमेशा के लिए एक दूसरे के जीवन साथी हो गए। विधायक ने बताया कि दोनों पक्षों को समझाकर और सहमति से ही यह शादी कराई गई है। उन्होंने कहा कि लोग हिंदू-मुस्लिम कहकर राजनीति की रोटियां सेंकने में ही लगे है। ऐसा नहीं होना चाहिए।
जाने प्रेमी जोड़ा बोला- हम जीवनभर एक दुसरे के रहेंगे साथ
वहीं शादी के जोड़े में बैठे अमन और खुशनुमा ने कहा कि हम दोनों ने अपनी मर्जी से यह शादी की है। ये किसी के दबाब में नहीं। खुशनुमा ने कहा कि जीवन भर में उनका साथ निभाऊंगी। हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे। प्रेम को कोई भी मजहब नहीं होता है।