AIN NEWS 1: उत्तराखंड के ऋषिकेश में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए 1058 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। यह कार्रवाई रेलवे फाटक के पास हुई हिंसक घटना के बाद की गई है, जहां वन भूमि के सर्वे के लिए पहुंची प्रशासनिक टीम पर हजारों की भीड़ ने पथराव कर दिया था। इस हिंसा में सरकारी कार्य को बाधित किया गया, हाईवे और रेलवे ट्रैक जाम किया गया और हालात इतने बिगड़ गए कि क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई।

🔸 क्या है पूरा मामला?
यह घटना 28 दिसंबर को ऋषिकेश के श्यामपुर क्षेत्र में हुई। यहां वन विभाग और प्रशासन की संयुक्त टीम वन भूमि पर हुए अतिक्रमण की जांच और सर्वे के लिए पहुंची थी। जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई, स्थानीय लोगों के एक बड़े समूह ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। अधिकारियों ने लोगों को समझाने की कोशिश की और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला भी दिया, लेकिन बात नहीं बनी।
धीरे-धीरे विरोध उग्र हो गया और देखते ही देखते हजारों की संख्या में जुटी भीड़ हिंसा पर उतर आई। भीड़ ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। स्थिति को और गंभीर बनाते हुए उपद्रवियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग (हाईवे) और रेलवे ट्रैक को भी जाम कर दिया, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया।
🔸 किन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा?
पुलिस ने इस पूरे मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की 10 गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है। इनमें सरकारी कार्य में बाधा डालना, हिंसा भड़काना, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और हत्या के प्रयास जैसी गंभीर धाराएं भी शामिल हैं।
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पुलिस के अनुसार, 618 लोगों पर सीधे तौर पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है, जबकि कुल मिलाकर 1058 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
🔸 साजिश के आरोप, 16 मुख्य आरोपी चिन्हित
जांच के दौरान पुलिस ने इस हिंसा को अचानक भड़का विरोध नहीं, बल्कि सुनियोजित साजिश बताया है। पुलिस ने सीताराम रणाकोटी और लालमणि रतूड़ी को इस पूरे मामले का मुख्य साजिशकर्ता माना है।
इन दोनों के अलावा पुलिस ने 16 अन्य लोगों को भी पत्थरबाजी और भीड़ को उकसाने का मुख्य आरोपी बनाया है। इनमें योगेश डिमरी, विकास सेमवाल, जहांगीर आलम, गंगा प्रसाद सिमल्टी, पूजा पोखरियाल, राजेंद्र गैरोला समेत कई नाम शामिल हैं। इसके अलावा 10 अज्ञात महिला और पुरुषों की भी पहचान की जा रही है।
🔸 छह आरोपी गिरफ्तार, कई की तलाश जारी
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अब तक छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से दो लोगों को घटना स्थल से ही हिरासत में ले लिया गया था। बाकी आरोपियों की तलाश के लिए लगातार दबिश दी जा रही है। पुलिस का कहना है कि वीडियो फुटेज और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर सभी आरोपियों को चिन्हित किया जा रहा है।
🔸 पत्थरबाजों की फोटो और वीडियो जारी
ऋषिकेश पुलिस ने इस मामले में एक और बड़ा कदम उठाते हुए पत्थरबाजों की फोटो और वीडियो सार्वजनिक कर दिए हैं। इन तस्वीरों में साफ तौर पर हाथों में पत्थर लिए हुए लोग नजर आ रहे हैं।
एसएसपी अजय सिंह ने आम जनता से अपील की है कि यदि इन फोटो या वीडियो में दिखने वाला कोई व्यक्ति कहीं नजर आए, तो इसकी सूचना तुरंत ऋषिकेश कोतवाली या नजदीकी पुलिस स्टेशन को दें। पुलिस सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से भी इन तस्वीरों को प्रसारित कर रही है।
🔸 कांग्रेस का विरोध, सरकार पर आरोप
इस पूरे घटनाक्रम के बाद राजनीति भी तेज हो गई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल सोमवार को ऋषिकेश के बापूग्राम क्षेत्र पहुंचे, जहां उन्होंने स्थानीय लोगों से मुलाकात की और एक सभा को संबोधित किया।
गणेश गोदियाल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन लोगों की मदद करने के बजाय उन्हें डराने का काम कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि कई निर्दोष लोगों को भी जेल भेजा जा रहा है। कांग्रेस नेता ने इसे “अत्याचार” बताते हुए कहा कि पार्टी हर वक्त स्थानीय लोगों के साथ खड़ी है।
🔸 कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल
ऋषिकेश जैसी धार्मिक और पर्यटन नगरी में इस तरह की हिंसा ने कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती यह है कि दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाए, साथ ही निर्दोष लोगों को किसी भी तरह की परेशानी न हो।
पुलिस का कहना है कि जांच पूरी तरह निष्पक्ष होगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
The Rishikesh violence case has escalated after police registered an FIR against 1058 stone pelters for attacking government officials during an anti-encroachment drive near Mansa Devi Gate. The incident involved stone pelting, highway and railway track blockage, and disruption of law and order. Rishikesh police have arrested six accused so far and released photos and videos of the suspects. The Rishikesh violence FIR has become one of the biggest police actions in Uttarakhand in recent times.



















