AIN NEWS 1 नई दिल्ली : जैसा कि आप जानते है पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव को लेकर काफ़ी सियासी सरगर्मियां तेज हो गई थीं। लेकीन सियासी दलों के सूरमाओं के बीच नगर निकाय चुनाव को लेकर कानाफूसी का दौर भी जारी था। चारो और लोगों के जेहन में बस यही सवाल रह रह के उठ रहे थे कि आखिर सूबे में कब एमसीडी चुनाव होंगे? और इसे लेकर तस्वीर साफ़ नहीं हो रही थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने यूपी नगर निकाय चुनाव को लेकर अपनी तस्वीर को पूरी तरह साफ कर दिया हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी निकाय चुनाव को अब मंजूरी दे दी है।
हालांकि, अभी तक भी तारीखों को तो लेकर तस्वीर धुंधली ही है साफ नहीं हो पाई है। मगर ध्यान रहे कि पहले यूपी निकाय चुनाव को लेकर ओबीसी आरक्षण का जो पेंच फंस रहा था, जिस पर बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने ही अपने फैसले से ब्रेक लगा दिया। कोर्ट ने अब योगी सरकार को ओबीसी आरक्षण के साथ नगर निकाय चुनाव कराने की अपनी इजाजत दे दी थी। और अब सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार कर लीया है। वहीं, यह भी बताया जा रहा है कि आगामी अप्रैल माह में ही नगर निकाय चुनाव की तारीख का ऐलान भी किया जा सकता है।उधर, उत्तर प्रदेश सरकार ने इस पूरे ही मसले पर अपना भी रुख काफ़ी स्पष्ट कर दिया है। बता दें कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 28 दिसंबर 2022 को ही ओबीसी आरक्षण के लिए आयोग का गठन किया गया था। जिसके बाद 7 मार्च 2023 को इसकी रिपोर्ट सौंपी गई थी। ध्यान रहे कि इससे पूर्व उप्र राज्य समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग ने निकायवार ओबीसी की आबादी की राजनीतिक रिपोर्ट भी सौंपी थी। इस प्रतिवेदन को रिपोर्ट में पेश करने के लिए 1995 को हुए निकाय चुनावों को ही आधार बनाया गया था। 20 से 27 प्रतिशत की रेंज में अलग-अलग निकायों के लिए अलग-अलग आरक्षण देने की भी सिफारिश की थी।