AIN NEWS 1: विश्व में 2022 में अचानक ही रुस और यूक्रेन के बीच एक भयानक जंग शुरू हो गई थी. किसी ने सोचा भी नहीं था कि इस प्रकार से युद्ध जैसी स्थिति से रूबरू होना पड़ेगा. लेकिन ऐसा हुआ. और ये युद्ध आज भी लगातार जारी है. इन दोनों ही देशों को इस युद्ध से काफी ज्यादा नुकसान हो रहा है. लेकिन चूंकि यूक्रेन एक छोटा सा ही देश है, तो उसका नुकसान भी कुछ ज्यादा ही हुआ है. हालांकि, जिस तरह से इस छोटे से देश ने रुस का डटकर सामना किया है, वो भी अपने आप में काबिले तारीफ है. उधर रुस को भी इस युद्ध में काफी ज्यादा नुकसान अबतक झेलना पड़ा है. कई सो सैनिकों की मौत के बाद भी युद्ध अभी भी लगातार जारी है.रुस में रहकर युद्ध लड़ रहे सैनिकों के लिए कुछ डॉक्टर्स और नर्सों को भी यूक्रेन भेजा गया है. अब इन्हीं में से ही कुछ ने दबी जुबान से रुसी सैनिकों की करतूत को उजागर किया है. इनका साफ़ कहना है कि ये सैनिक उनका काफ़ी ज्यादा फायदा उठा रहे हैं. वो उनके इलाज के लिए उनके पास जाती है लेकिन यही सैनिक उन्हें अपनी हवस का शिकार भी बना लेते हैं. ऐसा कृत्य मिलिट्री के टॉप क्लास के ऑफिसर्स भी इनके साथ कर रहे हैं. इस बात का खुलासा रेडियो फ्री यूरोप में अपना इंटरव्यू देने आई एक रुसी ऑफिसर ने ही कर दिया.
जाने इनकी पहचान रखी छिपाकर
इस युद्ध के दौरान डॉक्टर्स और नर्सेस के साथ हो रहे इस प्रकार के जुल्म का खुलासा एक रुसी अधिकारी ने अपने इन्टरव्यू में ही कर दिया. हालांकि, अभी उसने अपनी पहचान छिपा कर रखी है. उसने बताया कि इन डॉक्टर्स को वहा सैनिक खाना बनाने, कपड़े धोने और फिर अपने साथ सोने के लिए भी मजबूर करते हैं. उसने ये भी बताया कि जो भी डॉक्टर ऐसा करने से वहा मना करती है उसे कठोर सजा भी दी जाती है और फिर उसके साथ काफ़ी मारपीट भी की जाती है. जब उसने भी ये सब अपनी आंखों से देखा तो उसे पहले तो यकीन नहीं हुआ. लेकिन ये सब सच है.
और वह खुद भी हो चुकी है शिकार
इस महिला ने अपनी पहचान छिपाते हुए और भी कई बड़े खुलासे किये. आज रुसी आर्मी के उच्च स्तर पर पहुंची इस अधिकारी ने बताया कि एक समय में उसे भी इन गंदे काम के लिए काफ़ी मजबूर किया गया था. लेकिन जब उसने इस बात से साफ़ इंकार कर दिया तो उसे कई महीनों तक लगातार टॉर्चर किया गया. जहां सभी ठंड में गर्म चादर में टेंट के अंदर सोते थे, तो वही उसे खुले में बाहर सुलाया जाता था. वहीं उसकी टीम में शामिल सात अन्य महिलाओं ने भी स्लेव बनने लिए हामी भर दी थी. ऐसे में उन्हें तो सारी सुविधाएं दी जा रही थी.