AIN NEWS 1: गाजियाबाद में 65 साल के किसान सुशील त्यागी की क़रीब 250 गज जमीन पर कब्जा था। वे चाहते थे कि उनकी जमीन की पैमाइश हो जाए। और इसके लिए दो बार गाजियाबाद की मोदीनगर तहसील में भी वह लेटर दे चुके थे। लेकीन उनकी ज़मीन की पैमाइश नहीं होने पर शनिवार को वे तहसील में ही समाधान दिवस में पहुंचे गए। इससे क्षुब्ध होकर वो ब्लेड से अपने हाथ की नस काट ली। और अस्पताल पहुंचते-पहुंचते ही उन्हे अटैक पड़ गया और फिर उनकी मौत हो गई।
इस किसान की मौत के बाद अब सारा सरकारी सिस्टम अपनी सफाई देने में जुटा हुआ है। चिट्ठियां जारी करके अधिकारी ये बता रहे हैं कि किसान ने पैमाइश कराने का सही तरीका ही फॉलो नहीं किया, इस वजह से ही उनका ये काम समय पर नहीं हो पाया। फिलहाल तहसील के अधिकारियों ने भी अपनी जांच रिपोर्ट में क्लीन चिट दे दी है।
हम आपको बताते हैं मोदीनगर तहसील की SDM ने DM को भेजी जांच रिपोर्ट में क्या बताया है
गांव डिडौली में खसरा संख्या – 336, 386 और 510 सुशील कुमार के नाम पर ही दर्ज है। इस मामले में सुशील ने 21 जनवरी और 18 मार्च 2023 को आबादी से सटी अपनी इस जमीन की पैमाइश के लिए दो बार तहसील में प्रार्थना पत्र दिए। और दोनों ही बार ही लेखपाल ने मौके पर जाकर पैमाइश का प्रयास किया, जिसका आस-पड़ोस के लोगों ने विरोध किया।
लेखपाल ने तभी सभी अधिकारियों को बताया था कि आसपास के लोग पैमाइश के लिए बिलकुल तैयार नहीं हैं और उप्र राजस्व संहिता-2006 की धारा-24 के तहत तहसील कोर्ट में वाद दायर होने के बाद ही पैमाइश संभव है। राजस्व निरीक्षक ने ये पूरी बात बताने के लिए किसान सुशील कुमार को जब कॉल किया तो उनका नंबर स्विच ऑफ मिला। चूंकि सुशील मुजफ्फरनगर में रहते थे, इसलिए उन्हें ये सूचना समय पर नहीं पहुंचाई जा सकी। किसान सुशील ने अपनी जमीन की पैमाइश कराने के लिए मोदीनगर एसडीएम कोर्ट में कोई वाद भी दायर नहीं किया। बल्कि वे सीधे 1 अप्रैल 2023 को तहसील में आयोजित हुए समाधान दिवस में उपस्थित हुए, जहां नस काटने जैसा मामला हुआ।
जाने गांव पहुंचीं ADM-SDM
घटना के तुरंत बाद ही शनिवार शाम को ADM प्रशासन ऋतु सुहास और SDM शुभांगी शुक्ला गांव डिडौली में उक्त जमीन पर जा पहुंचीं। ग्रामीणों ने दोनों अधिकारियों को यही बताया कि सुशील की जमीन के आसपास रहने वाले लोग पैमाइश के लिए बिलकुल तैयार नहीं हैं। इसलिए कोर्ट में वाद दायर करने के बाद ही होने वाले फैसले के आधार पर ही अब यहां पैमाइश संभव है।