AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश में दो सीटों पर अभी उपचुनाव का एलान भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने 29 मार्च को कर दिया हैं. राज्य की स्वार और छानबे विधानसभा सीट पर यह उपचुनाव का एलान हुआ है. इन सीटों पर 13 अप्रैल से ही नामांकन भी शुरू होगा. लेकिन इससे पहले ही राज्य में समाजवादी पार्टी और बीजेपी के उम्मीदवारों को लेकर तरह-तरह के कयास चारो और लगाए जा रहे हैं. दरअसल, बीते साल पहले रामपुर लोकसभा सीट पर भी उपचुनाव हुआ और इसके बाद रामपुर विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव हुआ था. लेकिन इन दोनों ही सीटों पर उपचुनाव में बीजेपी ने ही जीत दर्ज करते हुए आजम खान के गढ़ को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया था. हालांकि इन दोनों ही उपचुनावों में आजम खान के करीबी आसिम रजा पर सपा ने अपना दांव लगाया था. लेकिन दोनों ही उपचुनावों में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा.
जाने ये है मुख्य वजह
इन दो उपचुनावों में ही आजम खान के परिवार से उनका कोई भी सदस्य चुनाव नहीं लड़ा. इसकी मुख्य वजह बताया गया कि परिवार के लगभग हर सदस्यों पर ही कोई ना कोई मुकदमा दर्ज है. जिसके बाद ही आसिम रजा को चुनाव में उम्मीदवार बताया गया. इसी वजह से ही राजनीति के जानकारों की मानें तो फिर से आसिम रजा पर सपा अपना दांव लगा सकती है. वैसे इसके अलावा अब्दुल्ला आजम की पत्नी के नाम की भी चर्चा जोरों पर चल रही है. हालांकि अभी सपा के ओर से उनके नाम का एलान नहीं किया गया है. दूसरी ओर अगर बीजेपी की बात करें तो रामपुर में तो दो उपचुनाव पहले ही पार्टी जीत चुकी है. सूत्रों कि मानें तो इस बार जया प्रदा को उम्मीदवार बनाया जा सकता है. बीते दिनों जया प्रदा की सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और भूपेंद्र चौधरी समेत कई बड़े नेताओं से काफ़ी लंबी मुलाकात हुई है. जिसके वजह से उनके नाम पर ही पहले से ही कयास लगाए जाने लगे थे.
लेकिन दूसरी ओर देखे तो अगर ये सीट बीजेपी गठबंधन से अपना दल एस को चली जाती है तो हैदर अली खान को भी इस सीट पर उम्मीदवार बनाया जा सकता है. बीते यूपी विधानसभा चुनाव में हैदर अली खान ही अपना दल एस के उम्मीदवार थे. हालांकि तब उन्हें करीब 61,103 के अंतर से करारी हार का सामना करना पड़ा था. बता दें कि इस सीट पर 13 अप्रैल से ही नामांकन होना है.