AIN NEWS 1: बता दें बुल्गेरिया की नामचीन भविष्यवक्ता बाबा वेंगा की अभी तक कई भविष्यवाणी लगभग सच हो चुकी हैं. उन्होंने अब तक अपने जीवन काल में धरती को लेकर अपनी कई भविष्यवाणियां की थीं. जिनमें से एक न्यूक्लियर हथियार, रूस-यूक्रेन युद्ध और 9/11 आतंकी हमला पूरी तरह सच साबित हो चुके हैं. 1911 में जन्मीं इन बाबा वेंगी के आंख की रोशनी महज़ 10-11 साल के उम्र में ही चली गई थी. इनकी आंख की रोशनी चले जाने के बाद ही उनकी मानसिक क्षमताओं का काफ़ी ज्यादा तेजी से विकास होने लगा और उन्हें अपने भविष्य में होने वाली तमाम घटनाएं स्पष्ट दिखने लगीं. बाबा वेंगा ने वैसे 1996 में ही दम तोड़ा था, जिसके बाद से ही उनके अनुयायी उनकी भविष्यवाणियों के बारे में सारी दुनिया को अब बताते आ रहे हैं.
छोटी उम्र से ही अंधे हो जाने के बावजूद भी उन्होंने बहुत असाधारण मानसिक क्षमताओं का विकास भी किया जिसने उन्हें पूरी दुनिया भर में ही ख्याति दिलाई. कहा जाता है कि बाबा वेंगा ने 9/11 के आतंकवादी हमलों, फुकुशिमा परमाणु आपदा और आईएसआईएस के उदय सहित इस प्रकार की कई घटनाओं की बेहद सटीक भविष्यवाणी की थी. और उनके सभी अनुयायियों का यह भी मानना है कि बाबा वेंगा को काफ़ी पहले ही पूर्वाभास हो गया था कि वर्ष 5079 में यह दुनिया खत्म हो जाएगी.और अब बात करते हैं बाबा वेंगा के उस एक भविष्यवाणी की जिसे लेकर अभी तमाम वैज्ञानिक काफ़ी चिंतित हैं. बाबा वेंगा ने कहा था कि 2023 में धरती पर सूरज जनित एक तूफान आएगा. इन दिनों इस तूफान को लेकर वैज्ञानिकों की चिंता भी काफ़ी बढ़ गई है. साइंस भी यह कहता है कि हर 11 साल में ही सूरज एक्टिव होता है. ये सोलर एक्टिविटी उसी का ही एक नतीजा है. पहले तो कहा जा रहा था कि यह 2024 या 2026 में देखने को हमे मिलेगी. लेकिन अब यह 2023 में ही कहर बरपाने को पूरी तरह तैयार है. इसे सोलर मैक्सिमम भी कहते हैं.
और तो और कई मीडिया रिपोर्ट्स में तो यह दावा किया गया है कि यह सोलर मैक्सिमम 19 अप्रैल 2023 को ही हिट कर सकता है. 20 अप्रैल 2023 को भी इसका प्रभाव काफ़ी देखा जा सकता है. और इससे पृथ्वी पर कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं. जान ले सूर्य के सक्रिय चरण के दौरान ही निकलने वाली सौर ज्वालाएं इलेक्ट्रो मैग्नेटिक एनर्जी भारी मात्रा में ही खुद को रिलीज करेंगी. जिससे पावर ग्रिड और जीपीएस सिग्नल सहित तमाम तरह की प्रणालियां काफ़ी बाधित हो सकती हैं. इसे एक सोलर मैक्सिमम भी कहा जाता है. सोलर मैक्सिमम एपिसोड लगभग हर 11 साल के बाद में होते हैं. वैसे ही बीते सालों में इससे कोई भी भारी समस्या होते हुए बिलकुल नहीं दिखी है.इस सोलर मैक्सिमम के दौरान सूर्य में काफ़ी विस्फोट होते हैं. इसके चलते सूर्य के बाहरी सतह से कोरोनल मास इजेक्शन भी होता है और यह पृथ्वी को यह प्रभावित करता है. इसकी वजह से सैटेलाइट्स में भी शॉर्ट सर्किट हो सकता है. साथ ही धरती पर पावर ग्रिड्स पर भी इसका गलत प्रभाव पड़ सकता है. इसकी तीव्रता ज्यादा हुई तो धरती की कक्षा में मौजूद एस्ट्रॉनॉट्स के लिए भी यह एक खतरा पैदा हो सकता है.
इस सौर तूफान के पृथ्वी से टकराने पर बड़े पैमाने पर यहां बिजली कटौती देखी जा सकती है. इस वजह से संचार और परिवहन व्यवस्था भी चरमरा सकती है.