AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के माफिया अतीक अहमद का करीबी होने का कई पुलिसकर्मियों पर बार बार आरोप लगा । जाने अंजाने जो भी पुलिस अधिकारी माफिया के ज्यादा करीबी बने उनके कैरेक्टर रोल पर दाग लगा ही है। और विभागीय जांच में यह खुलासा होने पर उनके खिलाफ समय समय पर विभागीय कार्रवाई की गई। अब प्रयागराज के पूर्व एडीजी ने एक साथ पांच थानेदारों पर काफ़ी बड़ी कार्रवाई की थी, जिसके बाद से उनकी थानेदारी चली गई। जान ले उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक अहमद के करीबी पुलिसकर्मियों की एक पूरी सूची तैयार होने लगी।

खुफिया रिपोर्ट के आधार पर लगभग एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों को इस जिले से ही बाहर भेज दिया गया। इनमें इंस्पेक्टर, दरोगा, दीवान और कई सिपाही भी शामिल थे। इससे पूर्व भी अतीक के खिलाफ जब जब कार्रवाई तेज हुई तो एक बार फिर एडीजी जोन ने खुल्दाबाद थाने का भी निरीक्षण किया। तो थाने के रिकॉर्ड से पता चला कि जो अतीक अहमद की हिस्ट्रीशीट यहां खोली गई थी। उस पर अतीक की फोटो तक भी नहीं लगी थी। एडीजी ने तीन साल तक थानेदार रहे सभी इंस्पेक्टर के खिलाफ इस मामले में विभागीय जांच बैठाई। इसके बाद एक-एक करके सभी को विभागीय सजा भी दी गई।प्रयागराज से ट्रांसफर होकर कौशाम्बी और प्रतापगढ़ में तैनात कई पुलिसकर्मियों को इस मामले में सजा भी मिली। कैरेक्टर रोल पर ऐसा दाग लगते ही उनकी थानेदारी भी चली गई। और करीब एक साल से अधिक समय तक कइयों को दोबारा थानेदारी करने का मौका तक नहीं मिला। इससे पूर्व मे भी अतीक के करीबी होने पर करेली के कई थानेदार हमेशा से संदिग्ध माने गए और उनके खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई की गई।

वहीं इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह, केके मिश्र और नारायण सिंह परिहार हमेशा से अतीक के खिलाफ अपनी कार्रवाई करने के लिए ही जाने गए । केके मिश्र की ही जांच पर अतीक अहमद को पहली बार उमेश पाल अपहरण केस में सजा भी हुई थी।

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