AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में विधानसभा सचिवालय से विधायकों को मिलने वाले कार पास को लगाकर घूमती गाडिय़ों पर भी अब पूरी तरह से शिकंजा कसा जाएगा। सोमवार देर रात को पैदल गश्त के दौरान एसएसपी को रामघाट रोड पर ऐसे पास लगी दो गाडिय़ां दिखाई दी, जिनकी अच्छे से जांच कराई तो पास फर्जी पाए गए। इस दौरान दोनों कारों को वही पर जब्त कर उनमें से एक के स्वामी को भी गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में क्वार्सी थाने में एक मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। वहीं दूसरे कार स्वामी की अभी तलाश हो रही है। हुआ यूं कि एसएसपी कलानिधि नैथानी सोमवार देर शाम पुलिस टीम के साथ पैदल ही गश्त कर रहे थे। इस दौरान रामघाट रोड पर शांति नर्सिंग होम के पास मे दो कार खड़ी हुई दिखाई दीं, जिन पर विधानसभा सचिवालय से सभी विधायकों को जारी होने वाले पास लगे हुए मिले। गौर से देखने पर पाया कि ये दोनों ही पासों पर एक ही नंबर 0149 अंकित है। ये पास विधायक विधानसभा सचिवालय श्री लाल बहादुर शास्त्री भवन अथवा लोक भवन के अलावा सचिवालय के सभी भवनों के लिए ही मान्य है। मगर इन दोनों गाडिय़ों पर ही एक पास के एक ही नंबर होने पर उनमें से एक कार में सवार युवक को सीओ तृतीय व टीआई ने पूछताछ के लिए अपने पास बुलाया। साथ में एसएसपी स्तर से विधानसभा सचिवालय एसपी को पास का फोटो भेजकर इसकी पूरी जानकारी की तो उन्हें संदिग्ध करार दे दिया। इस पर कार सवार युवक रिद्धिम गुप्ता निवासी रमेश विहार गंगा रेजीडेंसी से जब सख्ती से इसकी पूछताछ की तो उसने स्वीकार किया कि ये पास फर्जी हैं। ओर उसने खुद ही तैयार किए हैं। इस पर दोनों कार वही जब्त कर थाने भेज दी गईं। उनके शीशे पर लगे पास को भी जब्त कर लिए गए और रिद्धिम को भी गिरफ्तार कर लिया गया। मामले में टीआई की ओर से रिद्धिम के खिलाफ विभिन्न धाराओं में एक मुकदमा भी दर्ज किया गया। पूछताछ में रिद्धिम ने स्वीकारा कि उसके पिता एक व्यापारी हैं और वह खुद इंजीनियरिंग का एक छात्र है। उसने अपने किसी परिचित की मदद से ये पास तैयार किए। दूसरे कार स्वामी की पहचान नगला श्याम विहारी धनीपुर के गौरव यादव के रूप में हुई थी। पुलिस उसकी तलाश में भी अब जुट गई है।
जाने स्कैन कराकर धड़ल्ले से प्रयोग हो रहे हैं ये इस प्रकार के पास
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार विधानसभा सचिवालय से किसी भी विधायक को उनके पर्सनल वाहन के लिए सिर्फ दो ही पास जारी होते हैं। मगर देखने में आ रहा है कि अपने जिले में एक ही नंबर के कई कई पास अब प्रयोग कर वाहन बेखौफ दौड़ाए जा रहे हैं। इसमें पुलिस जांच में सामने आ रहा है कि किसी परिचित के माध्यम से विधायकों को मिलने वाले उनके पास स्कैन करा लिए जाते हैं या फिर उनकी कोई कॉपी तैयार कर ली जाती है। इसका नंबर विधायकों के नंबर से मिलता जुलता ही प्रयोग किया जाता है, ताकि यह पकड़ में न आ जाएं। इसके पीछे का मकसद वाहन चलाते समय अपना रुआब, पुलिस चेकिंग में बिना रोकटोक निकल जाना और किसी भी टोल पर फ्री सुविधा पाना है।
जाने सचिवालय भेजा जा रहा पत्र, नंबर से खुलेगा भेद
ये जो दो फर्जी पास पकड़े गए हैं, उसे लेकर एक पत्र विधानसभा सचिवालय को भेजा जा रहा है। पास पर अंकित नंबर के आधार पर यह जानकारी मांगने का प्रयास किया गया है कि आखिर यह नंबर किस विधायक के लिए इस बार आवंटित है। इन दोनों पासों पर ही वैधता 2026 तक अंकित है। हालांकि खुद ही युवक ने इन्हें फर्जी करार दिया है। मगर वहां से जानकारी में आएगा कि यह किस विधायक के पास से कापी किए गए हैं।
जाने ये कार की गईं जब्त
स्विफ्ट कार नंबर यूपी 16 एक्यू 2942
स्विफ्ट कार नंबर यूपी 81 एआर 8895
नगर निकाय चुनाव के मद्देनजर ऑपरेशन नकेल के तहत ही वाहनों की चेकिंग में यह फर्जी पास युक्त दो वाहन पकड़े गए हैं। यह फर्जीवाड़ा और विधायकों व विधानसभा की सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ विषय है। उन लोगों से भी अपील है, जो ये पास लगाकर चल रहे हैं या तो वे इसे हटा लें, अन्यथा उन पर भी गिरफ्तारी और मुकदमा आदि की कार्रवाई होगी। -कलानिधि नैथानी, एसएसपी