AIN NEWS 1: राम जन्मभूमि अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन से पहले ही अयोध्या के नाम एक और बहुत बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। दरअसल, अगले साल राम मंदिर का उद्घाटन होना तय है। राम मंदिर के खुलने के बाद यहां श्रद्धालुओं की संख्या में काफ़ी भारी उछाल आने की संभावना है। इससे और कचरा पैदा होगा और कचरे का निस्तारण निगम के लिए एक बहुत प्रमुख मुद्दा होगा। इसको देखते हुए कचरे से बायोडीजल बनाने के दो साल के पायलट प्रोजेक्ट के लिए अयोध्या को ही चुना गया है। नगर निगम आयुक्त विशाल सिंह के मुताबिकए इस कंपनी की शुरूआत में बायोडीजल बनाने के लिए एक टन प्लास्टिक कचरे का इस्तेमाल किया करेगी।बेल्जियम की वीटो जल्द ही अब अयोध्या में एक बायोडीजल प्रोजेक्ट शुरू करने वाली है। कंपनी, जिसके अधिकारियों ने प्रोजेक्ट पर काम करना भी शुरू कर दिया है, यह मुख्य रूप से ‘क्लीनटेक’ और सतत विकास के क्षेत्रों में ही काम करती है। पिछले हफ्ते, वीटो के एशिया-प्रशांत प्रमुख हफीज रहमान और अन्य अधिकारियों ने अयोध्या प्रशासन के अधिकारियों के साथ इसको लेकर पहले दौर की बैठक की। उन्होंने अयोध्या नगर निगम के अधिकारियों के लिए वहा पर एक कार्यशाला भी आयोजित की। अयोध्या में भीड़ प्रबंधन पर अध्ययन करने के लिए ट्रस्ट ने रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस (आरआईटीईएस) को भी अनुबंधित किया है। आरआईटीईएस, अयोध्या में भीड़ प्रबंधन पर एक रिपोर्ट भी तैयार करेगा जिसे राज्य सरकार द्वारा शहर में लागू किया जाएगा।
जाने कई लाख भक्तों के अयोध्या आने का अनुमान
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, अयोध्या को इस पायलट प्रोजेक्ट के लिए इसलिए ही चुना गया है क्योंकि अगले साल जनवरी में राम मंदिर के खुलने के बाद से यहां श्रद्धालुओं की संख्या में भारी उछाल आने की काफ़ी संभावना है। इससे यहां और कचरा पैदा होगा और कचरे का निस्तारण निगम के लिए एक प्रमुख मुद्दा होगा। राम मंदिर के निर्माण में शामिल संस्था श्री राम जन्मभूमि तीरथ क्षेत्र ट्रस्ट ने हर महीने कई लाख भक्तों के यहां आने का अनुमान लगाया है। निगम अधिकारियों के मुताबिक कंपनी कचरे से कार्डबोर्ड और अन्य उत्पाद तैयार करने में भी काफ़ी मदद करेगी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, अगर यह परियोजना अयोध्या में सफल होती है, तो इसे राज्य के अन्य हिस्सों में भी पूरी तरह से चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जाएगा। अयोध्या में वेस्ट मैनेजमेंट के अलावा भीड़ को मैनेज करना भी यहां की एक बड़ी चुनौती होगी।