AIN NEWS 1 नई दिल्ली : बता दें भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर पूर जोर विरोध प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करना भी काफी ज्यादा महंगा साबित हो रहा है. इस सारे खर्च के बावजूद पहलवान दिल्ली के इस प्रसिद्ध विरोध स्थल पर लंबी लड़ाई लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई प्रमुख पर अब यौन उत्पीड़न और धमकाने का भी गम्भीर आरोप लगाया है. पहलवानों ने इन 5 दिनों में गद्दे, चादर, पंखे, स्पीकर, माइक्रोफोन, पानी और खाने के अलावा एक छोटे जनरेटर की भी व्यवस्था पर ही अभी तक लगभग 5 लाख रुपये से अधिक खर्च किए हैं. पहलवानों ने शुरुआत में गद्दे, चादर और साउंड सिस्टम यहां किराए पर लिए थे, जिसके लिए उन्हें हर दिन लगभग 27,000 खर्च करने पड़ रहे थे.पहलवानों को जब यह महसूस हुआ कि अगर उन्हें लंबे समय तक बैठना पड़ा तो छोटी-छोटी चीजों की व्यवस्था उनके द्वारा करना एक बड़ा वित्तीय बोझ बन जाएगा. विनेश फोगाट के पति सोमवीर राठी ने मिडिया को बताया, ‘इसलिए हमने गद्दे खरीदने का फैसला किया. मैंने अपने गांव खरखौदा से 50,000 रुपये देकर 80 गद्दे खरीदे हैं. हमसे प्रतिदिन गद्दे के लिए 12,000 रुपये प्रतिदिन का किराया यहां लिया जा रहा था. यह एक बहुत बड़ी रकम है.
जाने पहलवान दे रहे हर दिन का किराया
सोमवीर राठी ने बताया, ‘शुरू में हमने स्पीकर और माइक्रोफोन किराए पर लिए थे, लेकिन एक दिन की लागत 12000 रुपये थी. यह बहुत अधिक थी. अब हमने चांदनी चौक बाजार से अपना ही ‘साउंड सिस्टम’ 60,000 रुपये में खरीदा है. दुकानदार इन पहलवानों के बारे में जानता था, इसलिए उसने हमें इसे बिना कोई मुनाफा कमाए ही बेचा.’ लेकीन पंखे और जेनरेटर अब भी किराए पर है. दोनों के लिए उन्हें हर दिन लगभग 10,000 रुपये खर्च करने पड़ते हैं. उन्होंने कहा, ‘जरूरत पड़ी तो हम कूलर खरीद लेंगे. बाहर बहुत ज्यादा गर्मी है. हम अपने साथ केवल दो लाख रुपये नकद लाए थे, लेकिन अब तक लगभग 5-6 लाख रुपये खर्च कर चुके हैं.’विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ही इस विरोध का चेहरा हैं. सोमवीर, उनके दोस्त योगेश और कई अन्य लोग भी इस विरोध को जारी रखने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं. सोमवीर ने कहा, ‘हमने सब काम आपस में बांट लिया है. कुछ कोच यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि रसोइयों द्वारा गुणवत्तापूर्ण भोजन ही तैयार किया जाए, जबकि युवा पहलवान विरोध स्थल पर भोजन पहुंचा रहे हैं. कुछ लोग यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि पानी की आपूर्ति यहां पर निर्बाध हो. किसी को सफाई का ध्यान रखने की भी जिम्मेदारी दी गई है. यहां तक कि सुरक्षाकर्मी भी हमारी मदद करते रहते हैं.’’सोमवीर इसके साथ ही हरियाणा के विभिन्न अखाड़ों के प्रतिनिधियों को यहां जंतर-मंतर नहीं आने के लिए मना रहे हैं क्योंकि अधिक भीड़ को संभालना काफी ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगा. उन्होने आगे कहा लगभग 80 अखाड़े यहां आकर विरोध प्रदर्शन में साथ देना चाहते हैं, लेकिन हमने उन्हें यहां आने से रोक दिया है. सोमवीर से जब पूछा गया कि क्या उन्हें किसी राजनीतिक दल या प्रभावशाली लोगों से अभी तक आर्थिक मदद नहीं मिल रही है ? तो उन्होंने कहा, ‘अगर ऐसा होता, तो पहलवानों के सिर पर यहां ‘वाटरप्रूफ शेड’ और कुछ अच्छी सुविधाएं हो गई होती, लेकिन हम कम से कम संसाधनों में चीजों का प्रबंधन कर रहे हैं.’ फिलहाल विनेश, साक्षी और बजरंग के परिवार ही यह सब खर्च चला रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम अभी किसी से मदद नहीं ले रहे हैं. हम खुद से ही इन सभी चीजों का प्रबंधन कर रहे है. हम बहुत सावधानी से ही पैसा खर्च कर रहे हैं. जो लोग आ रहे हैं वे अपने भोजन की व्यवस्था यहां खुद कर रहे हैं.’
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