AIN NEWS 1: भारत देश में अक्सर संपत्ति संबंधी कानूनों को लेकर लोगों में काफ़ी जानकारी का अभाव होता है. इससे जुड़ी सभी उलझनों और जानकारी की कमी के चलते ही संपत्ति संबंधी विवाद भी होते रहते हैं. अपने अधिकारों और उनसे संबंधित नियमों के बारे में लोगों को जानना बेहद ही जरूरी है.

जान ले पति की संपत्ति में पत्नी के अधिकारों से संबंधित मुद्दा भी उसकी संपत्ति बंटवारे से जुड़ा हुआ एक बहुत अहम मुद्दा है. आज अपने इस आर्टिकल में हम आपको बताने कि कोशिश करेगे की पति और ससुराल की संपत्ति में आपकी पत्नी का कोई हक है भी या नहीं और इससे जुड़े कानूनी प्रावधान आख़िर क्या हैं।

जाने क्या है कानूनी प्रावधान

जिस भी व्यक्ति से किसी महिला की शादी हुई है अगर उसके पास खुद से अर्जित की गई कोई भी संपत्ति है तो इसको लेकर नियम-कानून पूरी तरह से स्पष्ट हैं. व्यक्ति की खुद से अर्जित संपत्ति चाहे जमीन हो,मकान हो,पैसे हों,गहने हों या कुछ अन्य तरह की संपत्ति इस पर पूरी तरह से सिर्फ और सिर्फ उसी व्यक्ति का अधिकार होता है जिसने भी वह संपत्ति अर्जित की है.

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वह व्यक्ति ही अपनी इस संपत्ति को बेच सकता है,गिरवी रख सकता है, किसी को वसीयत लिख सकता है,किसी को वह दान भी दे सकता है. इससे जुड़े सभी अधिकार केवल उसके पास सुरक्षित होते हैं.

उसकी पत्नी पति के जीवित रहते संपत्ति पर नहीं कर सकती दावा

बता दें पति के द्वारा अर्जित संपत्ति पर कोई भी महिला उसके जीते जी किसी भी प्रकार से दावा नहीं कर सकती. यह पूरी तरह से पति के ऊपर निर्भर करता है कि वह अपनी संपत्ति में अपनी पत्नी को सहस्वामी के रूप में जोड़ दे. और अगर पति का देहांत हो जाता है और उसने अपनी वसीयत में पत्नी का नाम नहीं जोड़ा है और संपत्ति को किसी और के नाम वह कर देता है तो इस स्थिति में भी पत्नी का संपत्ति पर कोई हक नहीं रह जाता. कुल मिलाकर अपनी अर्जित संपत्ति के स्वामित्व से जुड़े सारे फैसले करने का हक केवल पति के पास होता है.

जाने उसके सास-ससुर की संपत्ति में कितना अधिकार

यहां बता दें अपने सास-ससुर की संपत्ति पर भी सामान्य परिस्थितियों में महिला का कोई भी अधिकार नहीं होता है और ना ही उनके जीवित रहते और देहांत के बाद महिला उनकी संपत्ति पर कोई भी क्लेम कर सकती है. सास-ससुर की मृत्यु के बाद उनकी संपत्ति में अधिकार महिला का ना होकर उसके पति को मिलता है लेकिन पहले पति और उनके बाद सास-ससुर के देहांत की परिस्थिति में उस संपत्ति पर महिला को ही पहला अधिकार मिल जाता है. इसके लिए यह जरूरी है कि सास-ससुर नें अपनी संपत्ति संबंधी कोई वसीयत बनाकर उसे किसी और को ना दिया हो अपने जीवित रहते.

किसी के पति का देहांत होने पर पत्नी के संपत्ति संबंधी अधिकार

खुद से अर्जित की गई संपत्ति की वसीयत लिखे बिना जब कही किसी व्यक्ति का देहांत हो जाता है तो उसकी संपत्ति पर किस का अधिकार को लेकर सामान्य कानून स्पष्ट है. इस स्थिति में व्यक्ति की अर्जित संपत्ति उसकी मां और विधवा पत्नी को ही मिलती है. यहां भी यह जरूरी है कि व्यक्ति ने जीवित रहते अपनी वसीयत लिखकर संपत्ति पर किसी और को इसका अधिकार ना दिया हो.

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