Ainnews1: नई दिल्ली दुनिया भर में इलेक्ट्रिक व्हीकल की मांग अब तेजी से बढ़ रही है. अब एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक पूरे भारत भर में हर दूसरा वाहन इलेक्ट्रिक व्हीकल होगा. काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुसार, खरीदारों के बीच पर्यावरण के प्रति जागरूकता का बढ़ना भी एक कारण है , कार्बन एमिशन स्टैंडर्ड, सरकारों के प्रयास और कंपनियों के लिए बन रहा ईकोसिस्टम दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) को अपनाने में मदद कर रहा है.बीते कुछ सालों में इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री में जिस प्रकार की तेजी देखने क़ो मिली है. अब भी उम्मीद से काफी कम है. 2021 के आंकड़ों को देखें को इस साल ग्लोबल पैसेंजर इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री सिर्फ 10 प्रतिशत ही थी.भारत में सबसे तेजी से बढ़ेगी इलेक्ट्रिक व्हीकल की मांग काउंटरपॉइंट के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट सौमेन मंडल ने कहा है , “चीन ग्लोबल ईवी बाजार का नेतृत्व कर रहा है. इसके बाद यूरोप और अमेरिका का नंबर आता है. भारत की बात करें तो यह वियतनाम, सिंगापुर, थाईलैंड और कनाडा की तरह इलेक्ट्रिक व्हीकल मॉबिलीटी को अपनाने के मामले में बाकी देश दुनिया सबसे तेजी से बढ़ने वाले देशों में शामिल होगा.भारत में 30 प्रतिशत होंगे इलेक्ट्रिक व्हीकल इस साल के अंत तक चीन में ईवी की बिक्री छह मिलियन यूनिट को पार करने का अनुमान लगाया गया है. यूरोप का लक्ष्य 2025 में उत्सर्जन स्तर को 15 % और 2021 के स्तर से 2030 में 37.5 % कम करना है. 2021 में अमेरिका में EV की बिक्री में लगभग 100 % की वृद्धि हुई. बाइडेन सरकार ने 2030 तक EV की 50% बिक्री का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है. भारत का लक्ष्य 2030 तक अपने यात्री वाहनों की बिक्री का 30 % EV के रूप में करना है.रिपोर्ट में कहा गया है कि टाटा मोटर्स और महिंद्रा इलेक्ट्रिक जैसे घरेलू कंपनियां और एमजी मोटर और हुंडई जैसी कुछ विदेशी कंपनी भारतीय इलेक्ट्रिक पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में दम ख़म दिखा रही हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले सालों में इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट में ज्यादा कॉम्पीटीशन हो जायेगा . क्योंकि, इसमें अब कई नई कंपनियां एंट्री कर रही हैं. फॉक्सकॉन और श्याओमी जैसी कंपनियां तो पहले ही स्मार्ट इलेक्ट्रिक कार लॉन्च करने की घोषणा कर चुकी हैं, वहीं सोनी ने और ज्यादा किफायती इलेक्ट्रिक वाहन बनाने के लिए होंडा के साथ हाथ मिलाया है.