AIN NEWS 1 इस्‍लामाबाद: Pakistan जैसा आप सभी जानते है पाकिस्‍तान में इस समय राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की हुई गिरफ्तारी से कराची से लेकर लाहौर और रावलपिंडी तक के हालात बेहद खराब हैं। पहले से ही आर्थिक संकट में घिरा हुआ मुल्‍क एक बहुत बड़ी मुसीबत में आ गया है।कई लोग भी यह सवाल करने लगे हैं कि इन हालातों में अब पाकिस्‍तान के पास जो परमाणु बम हैं आख़िर उनका क्‍या होगा। इस देश के पास इस समय कुल 165 परमाणु हथियार हैं। इस बात से पहले ही दुनिया को डर था कि अगर ये हथियार आतंकियों के हाथ लग गए तो फिर जाने क्‍या होगा। अब जबकि वहा पर जनता आर्मी हेडक्‍वार्ट्स तक को आसानी से निशाना बना रही है तो फिर यह डर भी और दोगुना हो गया है।

अभी इमरान खान की पार्टी पाकिस्‍तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की तरफ से अपने समर्थकों से एक अपील की गई है कि पूरे देश में ही विरोध प्रदर्शनों को तेज कर दिया जाए। इस्‍लामाबाद हाई कोर्ट से गिरफ्तार होने के बाद से ही वहा पूरे पाकिस्‍तान में अब हिंसा काफ़ी तेज हो गई है। वैसे तो पाकिस्‍तान हमेशा से ही आतंकियों का गढ़ रहा है और वर्तमान स्थिति में हालात वहा बेहद नाजुक हो गए हैं। साल 1998 में ही प‍ाकिस्‍तान ने पहला परमाणु बम बनाया था। और ये परमाणु बम उस समय बनाया गया था जब भारत ने पोखरण में अपना सफल परमाणु प‍रीक्षण किया। अब वर्तमान स्थिति भारत समेत पूरी दुनिया के लिए ही बहुत ही ज्यादा गंभीर है। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक परमाणु बम किसी हैंडग्रेनेड की तरह से नहीं होते हैं बल्कि ये क‍िसी भी देश में महातबाही ला सकते हैं।

जान ले परमाणु हथियारों को बताया राष्‍ट्रीय संपत्ति

पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री ऑफिस की तरफ से ही मार्च में जो बयान जारी किया गया था उसके बाद से कई तरह की आशंकाएं लगाई गई थीं। इस बयान में कहा गया था कि पाकिस्तान का परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम पूरी तरह से एक राष्ट्रीय संपत्ति है, जिसके बारे में कई सारे देशों को परेशानी है। सरकार का यह दावा था पूरा कार्यक्रम ही फूलप्रूफ है और किसी भी तरह के दबाव में नहीं है। बयान के मुताबिक जिस मकसद के लिए इन्‍हें विकसित किया गया है यह पूरी तरह से केवल उसे पूरा करने के लिए ही हैं।हालांकि जब इस पर बातें ज्यादा होने लगीं तो एक ट्वीट कर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस मामले में कहा था कि पाकिस्तान के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम के बारे में काफ़ी गलत बातें फैलाई जा रही हैं और यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। पाकिस्‍तान की सेना जिसके बारे में अक्‍सर कहा जाता है कि उसकी आतंकियों के साथ मे साठगांठ है, जब उसके ही हेडक्‍वार्ट्स पर अब हमले हो रहे हैं तो फिर स्थिति और भी ज्यादा जटिल हो जाती है।

जान ले क्‍या हुआ था चेचन्‍या में आतंकवादी संगठनों के साथ

‘ गोपनीय सूत्रों’ की मिलीभगत के कारण परमाणु हथियार चोरी करने की आशंका भी बहुत हद तक बढ़ जाती है। पाकिस्‍तान के मामलों के जानकार मानते हैं कि किसी भी सेना का इस्लामीकरण सबसे बड़ा खतरा है, जिसके परिणामस्वरूप ही परमाणु बम काफ़ी गलत हाथों में पड़ सकते हैं। बता दें पाकिस्‍तान के हालातों के बाद से सन् 1999 में चेचन्‍या में हुई एक घटना याद आ गई है। उस समय चेचन विद्रोहियों ने कोबाल्‍ट-60 की ही चोरी कर ली थी।विद्रोहियों ने मेक्सिको सिटी में कोबाल्ट-60 ले जा रहे एक ट्रक का रास्ते में अपहरण कर लिया था। उस समय अच्‍छी बात यह रही कि वो इसका उपयोग नहीं कर सके और कोई भी बड़ा नुकसान नहीं हो पाया। कई भारतीय रणनीतिकार तो हमेशा से ही यह मानते आए हैं कि पाकिस्‍तान परमाणु आतंकवाद को काफ़ी ज्यादा बढ़ावा दे सकता है। ऐसे समय में जब यह देश पूरी तरह से कंगाली की कगार पर है और हर तरफ ही हिंसा का आलम है, दुनिया पाकिस्‍तान के परमाणु हथियारों के बारे में सोचकर ही बहुत ज्यादा घबरा रही है।

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