RBI ने बढ़ाई गोल्ड की खरीदारी
दुनिया के टॉप-5 गोल्ड खरीदारों में शामिल
मंदी की आहट से बढ़ी गोल्ड की खरीदारी
AIN NEWS 1: भारत वैसे तो गोल्ड के दीवानों के देश के तौर पर दुनियाभर में मशहूर है। अब गोल्ड ज्वैलरी के साथ साथ अब निवेश के लिए भी सोने के प्रति भारतीयों का लगाव बढ़ने लगा है। यहां तक की निवेश के लिए फिजिकल गोल्ड के अलावा डिजिटल गोल्ड में भी भारतीय पैसा लगा रहे हैं। लेकिन गोल्ड खरीदने की ये चाहत अकेले भारत के नागरिकों तक सीमित नहीं रह गई है। दरअसल, जनवरी-मार्च तिमाही में RBI दुनिया के 5 सबसे बड़े गोल्ड खरीदारों में शुमार हो गया है। इन 3 महीनों में RBI ने करीब 10 टन गोल्ड खरीदा है।
RBI ने बढ़ाई गोल्ड की खरीदारी
इसकी वजह है कि सेंट्रल बैंकों ने वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच अपने भंडारों का डायवर्सिफिकेशन शुरु कर दिया है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक दुनियाभर के सभी सेंट्रल बैंकों ने 2022 में 1136 टन सोने की खरीदारी की है। ये 1967 के बाद सेंट्रल बैंकों की सबसे बड़ी गोल्ड खरीदारी है। गोल्ड खरीदारी की RBI ने रफ्तार पिछले साल तेज बनाए रखी है। अप्रैल-दिसंबर 2022 के बीच RBI ने 27 टन गोल्ड की खरीदारी की थी। इस तरह RBI ने अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक 1 साल में करीब 37 टन सोने की खरीदारी की है। बीते 4 साल में RBI ने 178 टन गोल्ड खरीदा है।
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दुनिया के टॉप-5 गोल्ड खरीदारों में शामिल
इसके पहले भी करीब 5 साल से RBI अपने स्वर्ण भंडार में बढ़ोतरी करता जा रहा है। वैसे भी जिस तरह से वैश्विक आर्थिक हालात चल रहे हैं उसे देखते हुए माना जा रहा है कि गोल्ड की खरीदारी का ये चलन अभी आगे भी जारी रह सकता है। गोल्ड खरीदारी है नहीं दुनियाभर में गोल्ड रिजर्व के मामले में भी RBI काफी आगे है।दुनिया के कुल गोल्ड रिज़र्व का 8 फीसदी सोना RBI के पास है और ये गोल्ड रिजर्व के मामले में दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों में आठवें नंबर पर है। मार्च 2020 में RBI के कुल विदेशी मुद्रा भंडार में गोल्ड रिजर्व की हिस्सेदारी 6 फीसदी थी। इसकी वजह है कि मार्च 2020 से लेकर मार्च 2023 यानी 3 साल में RBI ने 137.19 टन सोने की खरीदारी की है। इससे 3 साल में RBI के स्वर्ण भंडार में 79 फीसदी की बंपर बढ़ोतरी हुई है।
मंदी की आहट से बढ़ी गोल्ड की खरीदारी
कोरोना के पहले से ही RBI ने गोल्ड की खरीदारी की रफ्तार बढ़ा दी थी। मार्च 2019 तक RBI के पास 612.56 टन गोल्ड रिज़र्व था जो मार्च 2020 में बढ़कर 653 टन, मार्च 2021 में 695.31 टन, मार्च 2022 में 760.42 टन और मार्च 2023 में बढ़कर 790 टन के पार निकल गया है। मंदी जैसे हालात में अक्सर हेजिंग के लिए गोल्ड इंवेस्टमेंट में इजाफा होता है। इसकी वजह है कि गोल्ड एक करेंसी के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। खासकर अगर सेंट्रल बैंक ज्यादा करेंसी छापेंगे तो उन्हें गोल्ड रिजर्व भी बढ़ाना होगा। वैसे भी विदेशी करेंसी के मुकाबले गोल्ड ज्यादा भरोसेमंद माना जाता है जिससे सेंट्रल बैंक गोल्ड की खरीदारी को बढ़ा देते हैं।