2022 में घटी अरबपतियों की संख्या
5 साल में तेजी से बढ़ेंगे भारत में अरबपति
ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनने का मिलेगा फायदा
AIN NEWS 1: अरबपतियों के मामले में भारत में सुपर रिच की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। प्रॉपर्टी कंसल्टेंट फर्म नाइट फ्रैंक की ‘द वेल्थ रिपोर्ट 2023’ के मुताबिक 5 साल में देश में 3 करोड़ डॉलर यानी 247 करोड़ रुपए से ज्यादा संपत्ति वाले लोगों की संख्या 58.4 फीसदी बढ़कर 19 हजार 19 हो जाएगी। ये आंकड़ा 2022 में 2021 के मुकाबले साढ़े 7 फीसदी घटकर 12 हज़ार 69 रह गया था। इन करोड़पतियों के साथ ही अरबपतियों की संख्या में भी आने वाले कुछ साल में इजाफा होने का अनुमान इस रिपोर्ट में जताया गया है।
2022 में घटी अरबपतियों की संख्या
रिपोर्ट के मुताबिक 5 साल में 1 अरब डॉलर यानी 8,237 करोड़ रुपए से ज्यादा संपत्ति वाले अरबपतियों की संख्या 21 फीसदी बढ़कर 195 हो जाएंगे। फिलहाल 1 अरब डॉलर से ज्यादा संपत्ति वाले अरबपतियों की संख्या 161 है। जानकारों के मुताबिक हाल के बरसों में जिस रफ्तार से भारत ने तेज आर्थिक तरक्की की है उससे भारतीयों के धनकुबेर बनने की स्पीड बढ़ी है। भारत में अगर अल्ट्रा HNI की संपत्ति बढ़ रही है तो HNI की दौलत भी आने वाले बरसों में तेजी से बढ़ सकती है। नाइट फ्रैंक के मुताबिक 10 लाख डॉलर यानी 8.23 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति वाले लोगों की संख्या 107 फीसदी बढ़ जाएगी। इसके बाद अगले 5 साल में देशभर में कुल HNI बढ़कर 16 लाख 57 हज़ार 272 हो जाएंगे।
5 साल में तेजी से बढ़ेंगे भारत में अरबपति
भारतीयों की दौलत में आ रही तेजी की मुख्य वजह है कि अब भारत ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की तरफ तेजी से कदम बढ़ा रहा है। इसके साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी जैसे सेक्टर्स में भी तेज ग्रोथ जारी है। नाइट फ्रैंक के मुताबिक भारत के सबसे धनवान 1 फीसदी लोगों की लिस्ट में शामिल होने के लिए कम से कम 1.44 करोड़ रुपए की संपत्ति चाहिए। हालांकि इस मामले में दक्षिण अफ्रीका, फिलीपींस और केन्या की स्थिति भारत से बेहतर है। 25 देशों की इस लिस्ट में भारत 22वें स्थान पर और मोनाको टॉप पर है जहां टॉप 1 परसेंट अमीरों में शामिल होने के लिए 102 करोड़ रुपए की संपत्ति चाहिए। स्विटजरलैंड दूसरे स्थान पर है जहां इस लिस्ट में शामिल होने के लिए 54.4 करोड़ रुपए चाहिए। ऐसे में 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य हासिल करने से पहले भारतीयों के लिए अमीर बनने की मशक्कत जारी रह सकती है।