केरल में मानसून नें दस्तक दे ही है. और मानसून का इतंजार अब खत्म हो चुका है. आने वाले दो दिनो में आपको मानसून का असर आपको दक्षिण भारत के राज्यो में देखनो को मिंलेगा. आपको बता दे कि मानसून करीब 1 हफ्ते देरी से आया है. मानसून को 1 जून तक केरल में आ जाना चाहिए था. हर साल ऐसा ही देखनो को मिलता है लेकिन इस बार पूरे 7 दिन मानसून लेट हो गया है. मौसम विभाग ने भी मानसून को 4 जून तक आने का पूर्वअनुमान जताया था. लेकिन यह उससे भी ज्यादा लेट हो गया है. मौसम विभाग का मानना है कि चक्रवात बिपरजॉय की वजह से मॉनसून के आने में देरी हुई है. आने वाले दो दिनों में मॉनसून की बारिश दक्षिणी राज्यों में देखने को मिलेगी. आइए जानते हैं कि मॉनसून उत्तर भारत में कब पहुंचेगा?
उत्तर भारत में कब आएगा मानसून?
आईएमडी के मुताबिक, अगले 24 घंटे में केरल में मॉनसून एक्टिव हो जाएगा. इसके बाद मॉनसून का असर तमिलनाडु, कर्नाटक, नॉर्थ-ईस्ट और साउथ वेस्ट इंडिया में दिखाई देगा. उसके बाद यह धीरे-धीरे यूपी, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, झारखंड, पंजाब और हरियाणा में पहुंचेगा. मध्य भारत के जो किसान बारिश के समय फसल बोने का इंतजार कर रहे हैं उन्हें अभी करीब 10 दिन और इंतजार करना पड़ेगा. हालांकि, एक बार जब बारिश शुरू हो जाएगी तो मॉनसून के देरी विपरीत असर नहीं पड़ेगा.
आइए जानते है कि मानसून देरी से केरल क्यो पहुंचा?
बता दें कि पूर्वी मध्य और इससे सटे साउथ ईस्ट अरब सागर के ऊपर से चक्रवाती तूफान बिपरजॉय धीरे-धीरे उत्तर की तरफ आगे बढ़ रहा है. यह अब गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल चुका है. अगले 24 घंटों के दौरान इसके उत्तर की तरफ बढ़ने और एक बहुत गंभीर चक्रवात में परिवर्तित होने की उम्मीद है. इसके बाद यह नॉर्थ और नॉर्थ-वेस्ट की तरफ बढ़ सकता है. मॉनसून में देरी की यही वजह है.
यहां है बारिश का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, अगले 24 घंटे में अंडमान और निकोबार आईलैंड्स, लक्षद्वीप, मणिपुर, नागालैंड और केरल में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. वहीं, तमिलनाडु, रायलसीमा, कर्नाटक और वेस्ट हिमालय में बारिश का पूर्वानुमान जताया गया है. इसके अलावा, राजस्थान में धूल भरी आंधी चल सकती है.