कच्चे तेल की बिक्री से मुकेश अंबानी हुए मालामाल! रूस के सस्ते तेल को अमेरिका-यूरोप में बेचकर कमा रहे हैं डॉलर!
इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। क्रूड के प्राइस में आई इस गिरावट के बावजूद भारत के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी जबरदस्त कमाई कर रहे हैं। मुकेश अंबानी को ये बंपर इनकम यूरोप और अमेरिका में तेल बेचने से हो रही है। दरअसल, इसमें बड़ा हाथ यूक्रेन युद्ध का है जिसके बाद से निर्यात में तेज उछाल आया है। जनवरी 2022 के बाद अप्रैल 2023 तक निर्यात में 572 फीसदी का उछाल आ चुका है। भारत से यूरोपीय संघ को जेट ईंधन या डीजल जैसे रिफाइंड प्रोडक्ट का निर्यात इस दौरान 1.1 मिलियन बैरल से बढ़कर 7.4 मिलियन बैरल हो गया है।
रूसी सस्ते तेल ने अंबानी को किया मालामाल
इस एक्सपोर्ट को बढ़ाने में सबसे ज्यादा योगदान जिन 2 कंपनियों का रहा है उनमें शामिल हैं रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और रोसनेफ्ट के मालिकाना हक वाली नायरा। ये दोनों ही दुनिया के दो सबसे बड़े रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स चलाती हैं और यूरोपीय संघ और अमेरिका इनके प्रमुख मार्केट हैं। रिलायंस के क्रूड एक्सपोर्ट को बढ़ाने में रूसी कच्चे तेल के आयात में हुआ इजाफे का बड़ा रोल है। यूक्रेन में युद्ध के बाद से
भारत के तेल आयात में रूसी कच्चे तेल की हिस्सेदारी 1.7 मिलियन बैरल से बढ़कर 63.3 मिलियन बैरल हो गई है। रूस के यूक्रेन पर हमले से पहले भारत के कुल तेल आयात में रूसी तेल की हिस्सेदारी 0.2 फीसदी थी। मई 2023 में भारत में रूस से आयात होने वाले क्रूड की हिस्सेदारी कुल आयात में बढ़कर 36.4 फीसदी हो गई।
अमेरिका-यूरोप में रिफाइंड प्रॉडक्ट्स की बिक्री से बढ़ी कमाई
भारत के साथ चीन भी रूस से काफी बड़ी मात्रा में कच्चे तेल का इम्पोर्ट कर रहा है। भारत अपनी 5 मिलियन बैरल प्रति दिन की रिफाइनिंग क्षमता के साथ पारंपरिक रूप से पेट्रो प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट कर रहा है। ऐसे में रूसी कच्चे तेल के आयात की बढ़ती मात्रा से पश्चिम में रिफाइंड प्रोडक्ट का निर्यात बढ़ा है। यही वजह गहै कि फिनिश गैर-सरकारी एजेंसी सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर ने हाल की एक रिपोर्ट में भारत को रूसी तेल के लिए “लॉन्ड्रोमैट” कहा है।