अगले माह शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा में इस बार भारी-भरकम कांवड़ नहीं दिखेंगी. उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ की ऊंचाई तय कर दी है. तय सीमा से ऊंची कांवड़ को लाने की अनुमति नहीं होगी.
इसके साथ ही, त्रिशूल और भाला कांवड़ यात्रा के साथ ले जाने की मनाही है. जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर गाजियाबाद प्रशास ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं.
सावन गोमुख ऋषिकेश और हरिद्वार से उत्तर प्रदेश होते हुए हरियाणा, दिल्ली व राजस्थान तक जाने वाली कांवड़ यात्रा के लिए रोड मैप बना लिया गया है. इस बार शासन प्रशासन द्वारा तय किया गया है कि कांवड़ यात्रा में 12 फीट से ऊंची कांवड़ पर रोक रहेगी. ज्यादा ऊंचाई होने पर कांवड़ बिजली के तारों से छूने से हादसा होने की आशंका रहती है, इस वजह से रोक लगाई गई है. पूर्व में 30 फीट से भी ऊंची कांवड़ लेकर श्रद्धालु चलते थे. साथ ही, आदेश हुआ है कि यात्रा में भाला व त्रिशूल लेकर चलने पर प्रतिबंध होगा. म्यूजिक सिस्टम पर प्रतिबंध नहीं रहेगा लेकिन आवाज पर नियंत्रण रखना होगा.
कांवड़ यात्रा की दृष्टि से पश्चिम यूपी को पांच परिक्षेत्रों में बांटा गया है. मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर व बागपत पहला जोन होगा. गाजियाबाद व गौतमबुद्धनगर दूसरा, सहारनपुर मंडल तीसरा, बरेली चौथा व आगरा पांचवां जोन होगा. कांवड़ यात्रा पर नजर रखने के लिए हेलीकाप्टर व 81 ड्रोन कैमरों की व्यवस्था की जाएग. 1,103 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे.
गाजियाबाद में होगी यह व्यवस्था
गाजियाबाद जिले में कांवड़ यात्रा मार्ग पर 40 वॉच टॉवर, करीब 150 कांवड शिविरों लगाए जाएंगे. इसके अलावा 180 स्थानों पर सीसीटीवी लगाए जाएंगे. मार्ग में पड़ने वाले पेड़ों की कटाई वन विभाग द्वारा कराई जाएगी. खाद्य पदार्थो की दुकानों पर रेट लिस्ट चस्पां की जाएगी. मार्ग में पड़ने वाले सभी बिजली खंभों को पांच फिट तक की ऊंचाई तक प्लास्टिक शीट से कवर किए जाएगा. 150 टैंकर मार्ग में स्वच्छ पेयजल के लिए होंगे. इस दौरान कांवड मार्ग पर पड़ने वाली मांस मदिरा की दुकानें बंद रहेंगी. 30 जून तक कावंड़ मार्ग को गड्ढा मुक्त कराया जाएगा. कांवडि़यों के लिए 50 सामुदायिक शौचालय भी बनाए जाएंगे. यात्रा के दौरान निर्वाध रूप से बिजली सप्लाई रहेगी. जनरेटर की व्यवस्था रहेगी. एनडीआरएफ की तैनाती, गंगनहर पर सात गोताखोर व दो नाव, जाल की व्यवस्था रहेगी।