चालान के ही 3.23 करोड़ रुपये गबन कर लिए हेड कॉन्स्टेबल ने, पूछताछ में पूरा राज खुला!

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AIN NEWS 1: पलवल जिले में अपनी तैनाती के दौरान एक हेड कॉन्स्टेबल ने चालान के ही करीब सवा तीन करोड़ रुपये खुद ही डकार लिए। इस मामले में चालान शाखा के तत्कालीन प्रभारी हेड कॉन्स्टेबल जनक पर यह गम्भीर आरोप लगा है। इस रकम का गबन जनवरी, 2020 से अगस्त, 2021 के बीच में ही किया गया। जब पुलिस विभाग ने इसका ऑडिट किया तो दो साल बाद इस फर्जीवाड़े का पूरी तरह से पर्दाफाश हुआ। कैंप थाना पुलिस ने जांच अधिकारी डीएसपी संदीप मोर की एक शिकायत पर अब मुकदमा दर्ज कर आरोपित हेड कॉन्स्टेबल को गिरफ्तार भी कर लिया है।

इस गबन का पता 15 दिन पहले चला पुलिस को 

जान ले यातायात डीएसपी संदीप मोर ने बताया था कि 15 दिन पहले जिला पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह को यह सूचना मिली थी कि जिला पुलिस के चालान शाखा में एक बहुत मोटी रकम का गबन हुआ है। तो पुलिस अधीक्षक ने उन्हें इस मामले की जांच का पूरा जिम्मा सौंपा। जब उन्होंने अपनी जांच शुरू की तो पाया कि पुलिस की चालान शाखा में जनवरी, 2020 से लेकर अगस्त, 2021 के बीच में करीब 3.23 करोड़ रुपये सरकारी खाते में जमा ही नहीं कराए गए हैं।

जांच के दौरान पूछताछ में सामने आ रही बात

यह सारा गबन चालान शाखा के तत्कालीन प्रभारी हेड कॉन्स्टेबल जनक ने ही किया है। इस आरोपित हेड कॉन्स्टेबल को अब अदालत में पेश कर पांच दिन के रिमांड पर भी लिया गया है। उससे पूछताछ कर पूरे मामले की जांच की जा रही है। इस आरोपित से मामले में अन्य लोगों की संलिप्तता के बारे में भी विस्तार से पता लगाया जा रहा है।

जान ले इस तरह देता था यह इस फर्जीवाड़े को अंजाम

बता दें चालान शाखा में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले लोग प्रतिदिन जुर्माने का अपना भुगतान करने आते हैं। इस जुर्माने की राशि को एसबीआई में जिला पुलिस अधीक्षक के खाते में जमा करवाना भी प्रभारी जनक के जिम्मे था। यह पूरी रकम प्रतिदिन ही जमा करानी होती थी।मगर इस आरोपित जनक ने रकम को 15 से 20 दिनों में जमा कराता था और चालान का एक बड़ा हिस्सा अपने पास ही रख लेता था। कुल 18 महीनों में ही आरोपित ने अपने प्रभारी रहते करीब 30 लाख की रकम को ही एसबीआई बैंक के खाते में जमा कराया, जबकि कुल तीन करोड़ 22 लाख 97 हजार 150 रुपये उसने अपने पास रख लिए।डीएसपी के अनुसार यह आरोपित फर्जी रसीद पर फर्जी बैंक मुहर लगाकर इन्हें पुलिस रिकॉर्ड में भी चिपका देता था। 2021 के अगस्त में इस आरोपित का तबादला सीआरसी ब्रांच में हो गया। तभी से आरोपित सीआरसी ब्रांच में ही तैनात है।

इसने कोरोना काल का पूरा उठाया फायदा

डीएसपी के अनुसार, आरोपित ने मार्च, 2020 के बाद से कोरोना काल का पूरा फायदा उठाया और इस दौरान ही इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया। उस वक्त पर ज्यादातर सरकारी दफ्तर बंद थे। इसी का ही फायदा आरोपित ने उठाया।

इस मामले मे ईएचसी पर भी लगा गबन का आरोप

पुलिस ने मामले में ईएचसी ओमवीर के खिलाफ भी एक फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि ईएचसी ओमवीर ने भी चालान शाखा में अपनी तैनाती के दौरान कुल 12 हजार 700 रुपये सरकारी बैंक खाता में जमा ही नहीं कराए और गबन किया।

अब ओमवीर पर लगे आरोप पर पुलिस का साफ़ कहना है कि ओमवीर ने एक बार तीन हजार रुपये ज्यादा भी जमा कराए हैं। इसलिए यह भी संभावना है कि ओमवीर ने गलतीवश ही 12 हजार 700 रुपये कम जमा कराए गए हों। इस गबन की रकम बहुत कम है, इसलिए इसकी संभावना ज्यादा है। पुलिस अभी इस मामले की जांच कर रही है।

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