Murshidabad Violence Over Waqf Act: 3 Dead, BJP Attacks Mamata Government on Hindu Safety
वक्फ बिल को लेकर मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा: 3 की मौत, ममता सरकार पर बीजेपी का तीखा हमला
AIN NEWS 1: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हाल ही में वक्फ (संशोधन) कानून को लेकर जो घटनाक्रम सामने आया, उसने राज्य की राजनीति में उबाल ला दिया है। वक्फ एक्ट के विरोध में भड़की हिंसा में अब तक कम से कम तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें एक बाप-बेटे की दर्दनाक हत्या भी शामिल है। इस हिंसा के बाद बीजेपी ने ममता बनर्जी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि राज्य में हिंदुओं की सुरक्षा खतरे में है और तुष्टीकरण की राजनीति के कारण कानून व्यवस्था चरमरा गई है।
वक्फ एक्ट को लेकर विवाद क्यों?
वक्फ (संशोधन) एक्ट केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित एक कानून है, जिसके तहत वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण और प्रबंधन से जुड़े कई बदलाव किए गए हैं। इस कानून के खिलाफ मुर्शिदाबाद जिले के सुती, शमशेरगंज और धुलियान जैसे इलाकों में विरोध प्रदर्शन शुरू हुए, जो देखते ही देखते हिंसक झड़पों में बदल गए। इन इलाकों में मुस्लिम समुदाय की संख्या अधिक है, और आरोप है कि विरोध प्रदर्शन में कुछ कट्टरपंथी तत्वों ने कानून हाथ में ले लिया।
हिंसा की शुरुआत और मौतें
हिंसा की शुरुआत शांतिपूर्ण प्रदर्शन के रूप में हुई थी लेकिन जल्द ही यह उग्र रूप ले बैठी। विरोध कर रही भीड़ ने सड़कों पर आगजनी शुरू कर दी, पुलिस पर पथराव किया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। सुती और शमशेरगंज इलाकों में हिंसा के दौरान एक बाप और बेटे की हत्या कर दी गई। उनके शरीर पर चाकू के कई वार के निशान मिले हैं। आरोप है कि कुछ लोगों ने उनके घर में घुसकर लूटपाट की और दोनों को बेरहमी से मार डाला। एक अन्य युवक को गोली लगी जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।
बीजेपी का ममता सरकार पर हमला
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि बंगाल में हिंदू अब अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि राज्य में केंद्रीय सुरक्षा बलों को तत्काल तैनात किया जाए ताकि कानून व्यवस्था को बहाल किया जा सके। उन्होंने ममता सरकार पर आरोप लगाया कि यहां हिंदुओं को अपने त्यौहार मनाने के लिए भी कोर्ट जाना पड़ता है।
शुभेंदु अधिकारी ने इस मुद्दे पर राजभवन को पत्र लिखकर केंद्रीय बलों की मांग की है और मुख्यमंत्री से भी अपील की है। उन्होंने कहा कि यह हिंसा पूरी तरह पूर्वनियोजित है और इसके पीछे कट्टरपंथी ताकतें हैं जो समाज को बांटना चाहती हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सफाई
हिंसा की घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर स्पष्ट किया कि वक्फ कानून केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया है, राज्य सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस कानून को लागू नहीं करेगी और अल्पसंख्यक समुदाय को समझाया कि वे शांति बनाए रखें।
ममता बनर्जी ने कहा, “हमने यह कानून नहीं बनाया है। यह केंद्र का कानून है। यदि आप इसका विरोध करना चाहते हैं, तो केंद्र से जवाब मांगें। राज्य सरकार इस कानून का समर्थन नहीं करती, और न ही इसे लागू करेगी।”
हाई कोर्ट का हस्तक्षेप
कोलकाता हाई कोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार और केंद्र सरकार को 17 अप्रैल तक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि जब कानून व्यवस्था बिगड़ती है तो अदालत आंखें मूंदे नहीं रह सकती। उन्होंने आम जनता की सुरक्षा को सर्वोपरि बताया और कहा कि यदि राज्य सरकार असमर्थ है, तो केंद्र को हस्तक्षेप करना चाहिए।
अर्धसैनिक बलों की तैनाती
राज्य में फैली हिंसा के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बीएसएफ और अन्य केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती के आदेश दिए हैं। अब तक करीब 1600 जवान हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किए जा चुके हैं। इसके अलावा, 10 और कंपनियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है जिन्हें आवश्यकता पड़ने पर राज्य में भेजा जा सकता है।
केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ बैठक की और उन्हें निर्देश दिया कि स्थिति को सामान्य करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।
व्यापक गिरफ्तारी और जांच
पुलिस ने अब तक 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) जावेद शमीम ने मीडिया को बताया कि हिंसा फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और कानून को अपने हाथ में न लेने की अपील की।
बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस हिंसा की जांच एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) से करवाने की मांग की है। उनका कहना है कि यह केवल प्रदर्शन नहीं बल्कि लोकतंत्र और शासन पर एक सुनियोजित हमला है।
रेलवे और इंटरनेट सेवाओं पर असर
प्रदर्शनकारियों ने रेल पटरियों को जाम कर दिया, जिससे न्यू फरक्का-अजीमगंज रेलमार्ग पर ट्रेनों की आवाजाही लगभग छह घंटे तक बाधित रही। हिंसा को देखते हुए कई इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं और धारा 144 लागू की गई है।
तृणमूल कांग्रेस का पलटवार
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे इस मुद्दे पर सांप्रदायिक तनाव फैलाकर राजनीतिक लाभ उठाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी समुदायों के बीच शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून को लेकर जो हिंसा हुई है, उसने राज्य की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति को झकझोर कर रख दिया है। एक तरफ जहां बीजेपी इसे तुष्टीकरण की राजनीति का परिणाम बता रही है, वहीं ममता सरकार इसे केंद्र की नीतियों का असर मान रही है। अब अदालत और केंद्र सरकार की भूमिका इस विवाद को सुलझाने में अहम साबित होगी।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति वास्तव में इतनी बिगड़ चुकी है कि अब केंद्रीय बलों के सहारे ही शांति स्थापित की जा सकती है?
The Murshidabad violence over the controversial Waqf (Amendment) Bill has escalated tensions in West Bengal, with BJP targeting Mamata Banerjee’s government for alleged appeasement politics. As protests turned deadly, resulting in the deaths of three people and the arrest of over 150 individuals, the demand for central forces’ deployment has intensified. The incident has raised concerns about Hindu safety in Bengal and led to high-level meetings involving the Home Ministry, BSF, and West Bengal officials. With the BJP calling it a planned attack and Mamata Banerjee distancing her government from the bill, the situation remains volatile.