Ainnews1.Com : मोहम्मद पैगंबर को लेकर कथित तौर पर की गई टिप्पणी के बाद बीजेपी ने नूपुर शर्मा क़ो निष्कासित कर दिया था प्रवक्ता नूपुर शर्मा को लेकर देश और विदेशों में काफ़ी बवाल हो रहा है। कुवैत में 10 जून को भारतीयों के साथ साथ एशियाईयों ने भी प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को लेकर कुवैत सरकार ने कड़ा कदम उठाया है कहा है कि इन्हें वापस उनके देश भेज दिया जाए।इसको लेकर सोशल मीडिया पर लोग कई प्रकार की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। टाइम्स नाउ नवभारत चैनल के पत्रकार सुशांत सिन्हा ने कहा कि जिस कुवैत के लिए आंखों में मोहब्बत लिए कूद रहे थे आप लोग , वहां खड़े होकर 4 दिन नारे लगाने पर बोरिया बिस्तर बांध कर इंडिया रवाना करने का फरमान ही नहीं बल्कि रवाना कर दिया जा रहा है। उन्होंने लिखा कि और यहां ‘सर तन से जुदा’/ मर जा मोदी के नारे लगाने के बाद भी फ्री में राशन, घर, शौचालय जैसी सारी सुविधा मिल रही है। आपकी हैसियत क्या है, समझ ना आए तो आपका भगवान ही मालिक है।वहीं उन्होंने जुमे की नमाज के बाद देशभर में 10 जून को भी हिंसा के बाद हो रही बुलडोजर कार्रवाई पर कहा कि पत्थरबाज़ों पर सिर्फ़ FIR न हो बल्कि उनका राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड वगैरह वगैरह जो भी सरकारी योजनाओं का लाभ जो ले रहे हैं सब बंद कर देना चाहिए ।
हम टैक्स इसलिए नहीं देते कि ये देश का तमाशा भी बनाएं और उसी टैक्स के पेसें से खाते भी रहें। ये देश संविधान से चलेगा ये मैसेज सबको जाना ही चाहिए हर हाल मे ।सोशल मीडिया यूजर्स के रिएक्शन देख आप भी दंग रह जायेगे : पत्रकार द्वारा किए गए ट्वीट पर कुछ लोग उनका समर्थन कर रहे हैं वहीं कुछ लोग उन पर तंज कसते नजर आ रहे हैं। अकबर नाम के एक यूजर ने लिखा है की – भारत के संविधान कानून में कहीं नहीं लिखा गया है कि आप सिर्फ इस आधार पर किसी का घर तोड़ सकते हैं कि वो व्यक्ति किसी अपराध का आरोपी है और अगर आप ऐसा कर रहे हैं तो आप संविधान कानून का राज क़ो नहीं मान रहे है । कार्तिक त्रिपाठी नाम के एक यूजर ने लिखा हैं, ‘ बिल्कुल ऐसा ही किया जाना चाहिए, नहीं तो यहां हर मांग के साथ पत्थर उठाया जाने लगेगा।’