केंद्र की नई योजना, गर्भवती नाबालिग पाड़ितों को देगी सहारा।

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केंद्र की नई योजना, गर्भवती नाबालिग पाड़ितों को देगी सहारा।

रेप के बाद प्रेग्मेंट होने पर जिन लड़कियों को परिवार द्वारा छोड़ा दिया जाता है उन्हें सहारा देगी केंद्र सरकार।
आपको बता दे कि केंद्र ने उन पीड़िताओं को आश्रय, भोजन और कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए एक योजना शुरु की, जिसमे ये कहा गया है कि किसी भी महिला के साथ बलात्कार के बाद गर्भधारण करन के चलते उनके परिवारों ने छोड़ दिया है
साथ ही बता दे कि महिला एंव बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने मीडिया से कहा कि निर्भया योजना के तत्वावधान में शुर् की गई है इस नयी योजना का उद्देश्य उन गर्भवती नाबालिग पीड़ितों के लिए लाया गया है जिनके पास खुद की देखरेख करने का कोई साधन नहीं हैं। साथ ही उन्होंने कहा , इसके अतिरिक्त हमने जमीनी स्तर पर पीड़ितों तक मदद पहुंचाने के लिए राज्य सरकारों और बाल देखभाल सस्थानों के सहयोग से होगा
बता दे कि 2021 में शुर् किया गया मिशन वात्सल्य बच्चों की सुरक्षा और कल्याण पर केंद्रित है.  इस योजना के बारे में स्मृति ईरानी ने कहा कि नयी योजना के तहत यह अतिरिक्त सहायता बाल देखभाल संस्थानों (सीसीआई) के स्तर पर 18 वर्ष तक की लड़कियों और 23 वर्ष तक की युवतियों के लिए देखभाल केंद्रों पर उपलब्ध होगी.  साथ ही उन्होंने कहा कि कानूनी सहायता के साथ-साथ पीड़िता को अदालती सुनवाई में शामिल होने के लिए सुरक्षित परिवहन भी उपलब्ध कराया जाएगा. मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि केंद्र ने देश में 415 पॉक्सो यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण जल्दी से जल्दी होग और अदालतें स्थापित करके नाबालिग पीड़िता की न्याय तक पहुंच आसान कर दी है.
  (एनसीआरबी) राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो  के आंकड़े के अनुसार 2021 में पॉक्सो अधिनियम के तहत 51,863 मामले दर्ज किए गए, वही जिनमें 64 प्रतिशत मामले पेनेट्रेटिवऔर गंभीर पेनेट्रेटिवयौन उत्पीड़न के हैं. और नयी योजना में इस तरह की बलात्कार पीड़ित नाबालिगों को भी शामिल किया गया है.
सूत्रो के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य नाबालिग पीड़िता और उसके नवजात शिशु के लिए पुलिस सहायता, परामर्श, कानूनी सहायता और बीमा कवर सहित कई सेवाओं तक तत्काल, आपातकालीन और गैर-आपातकालीन पहुंच की सुविधा प्रदान करना है. अधिकारी ने कहा कि योजना के लाभार्थियों के लिए उपलब्ध चिकित्सा लाभों में मातृत्व, नवजात और शिशु देखभाल शामिल हैं. साथ ही इनका कहना था कि इस योजना मे नवजात शिशु और पीड़िता महिला का पुरी तरीके से ध्यान रखा जाऐग जैसे रखा जाता है
 योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए पीड़िता को प्राथमिकी की प्रति प्रस्तुत करना अनिवार्य नहीं है. अधिकारी ने कहा, हालांकि योजना के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि पुलिस को सूचित किया जाए और प्राथमिकी दर्ज की जाए. योजना के लाभार्थियों के लिए बाल देखभाल गृहों में अलग स्थान आवंटित किया जाए क्योंकि उनकी जरूरतें वहां रहने वाली अन्य नाबालिगों से अलग होंगी.

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