AIN NEWS 1:Bageshwar Dham बागेश्वर धाम सरकार के नाम से काफ़ी ज्यादा मशहूर हो चुके पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की लोकप्रियता और उनकी शक्तियों से भी प्रभावित उनके भक्तों का उन पर बहुत अटूट विश्वास बन चुका है. इसका केवल यही कारण है कि बाबा बागेश्वर धाम के लिए लोगों की दीवानगी दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है. अब आईपी एक्सटेंशन स्थित रामलीला उत्सव ग्राउंड में कल से दिव्य दरबार में शामिल होने को लेकर लोगों का हुजूम जिस कदर कथा स्थल पर उमड़ा हुआ था और इस दौरान वहां पर मचे भगदड़ के बाद भी लोग वहां से जाने को बिल्कुल तैयार नहीं थे, वह भी किसी दीवानगी से कम नहीं है.दरअसल, तीन दिवसीय हनुमंत कथा के पहले दिन ही वहा पर यह घोषणा कर दी गयी थी कि अब 7 जुलाई को 12 बजे से ही यह दिव्य-दरबार लगाया जाएगा और शाम को 4:00 बजे से यहां हनुमंत कथा होगी. इस दिव्य-दरबार मे अपने नाम की पर्ची निकलवाने की चाह में, सुबह से ही यहां लोग कथा स्थल पहुंचने लगे थे. इससे स्थिति यह हुई कि 11 बजे से पहले ही यहां पर पूरा आयोजन स्थल लोगों से खचा-खच भर गया और स्थल के बाहर ही बनाये गए प्रवेश द्वार समेत स्थल के चारों तरफ लाखों लोग खड़े हुए थे, जो किसी भी तरह से अंदर प्रवेश करना चाह रहे थे. हालांकि, वहा 11 बजे से ही आयोजको द्वारा लगातार यह उद्घोषणाएं भी की जा रही थी की, कथा स्थल में अब कोई जगह नहीं है, इसलिए जो भी लोग बाहर खड़े हैं, वो अपने-अपने घरों को ही लौट जाएं और टीवी पर हो रहे सजीव प्रसारण को वह सब देखें.
जान ले वहा पर कथा स्थल के अंदर प्रवेश के दौरान ही मची भगदड़
लेकिन बाबा के सभी भक्तों की भीड़ वहां से जाने को बिल्कुल भी तैयार नहीं थी. कथा स्थल पर पहुंचे लोगो को प्रवेश नहीं मिलने पर वे बाहर सड़क पर ही बैठ गए. इस दौरान लोगों की लगी हुई भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा कर्मियों द्वारा कुछ पलों के लिए प्रवेश द्वार को खोला गया. जिसमें घुसने के लिए वहा पर लोग दौड़ पड़े. यही वजह रही है कि कुछ समय के लिए वहां पर भगदड़ सी मच गई, जिसमें कुछ लोग वहा घायल भी हो गए.
बता दें महज 70 हजार लोगो की थी व्यवस्था, लेकीन लाखों लोग पहूंचे
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कथा स्थल पर कुल 70 हजार लोगों के ही बैठने की व्यवस्था की गई थी, जबकि वहा पर लाखों लोग इसमें शामिल होने के लिए पहूंच गए थे और वहां उतनी ज्यादा भीड़ को संभालने के लिए पर्याप्त सुरक्षाकर्मी भी नहीं थे. भले ही वहा अव्यवस्था का माहौल उत्पन्न हो गया, भगदड़ भी मच गई लेकिन, बाबा के भक्तों पर इसका कोई ज्यादा असर नहीं पड़ा. अंतिम क्षणों तक भी लोग अंदर प्रवेश पाने की चाह में वहां पर ही बने रहे.
जान ले पटना में तो 10 लाख से भी ज्यादा लोग पहूंचे थे
बता दें कि इससे पहले पटना में हुए आयोजन में कथा के पहले दिन ही आयोजन स्थल पर रिकॉर्ड 10 लाख से भी ज्यादा लोग पटना के कथा स्थल पर ही पहूंच गए थे. ये जिस भी तरह की भीड़ बाबा के आयोजन में पहूंच रही है, उसे देखते हुए तो निश्चित ही आयोजकों को अब किसी बहुत बड़े स्थल पर इसका आयोजन करना चाहिए था. जिससे वहा पर न भगदड़ की स्थिति उत्पन्न होती और न लोगों को यह मलाल रहता कि वे सभी कथा स्थल तक पहूंच कर भी बाबा के दरबार मे शामिल नहीं हो सके.