बारिश की भेट चढ़ी 4635.58 करोड़ की संपत्ति, 24 घंटे में 220.63 करोड़ का हुआ नुकसान !
अबकि बार हिमाचल प्रदेश मे साल 2023 सबसे ज्यादा तबाही मचा रहा है। अबकि बार तबाही का 50 साल का रिकॉर्ड टूट गया। इस साल की बारिश 50 सालों में सबसे खराब रही। मानसून ने एक सप्ताह में ही नुकसान के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। प्रदेश का हाल देखकर किसी की भी आंखें भर जाएंगी।
आपको बता दे कि हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने जमकर तांडव मचाया. बारिश की वजह से प्रदेश सरकार को अब तक 4635.58 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. प्रदेश में सबसे ज्यादा नुकसान जल शक्ति विभाग को उठाना पड़ा है. हिमाचल मे अबकि बार तबाही का 50 साल का रिकॉर्ड टूट गया। इस बारिश के कारण लोगो के घरो के साथ-साथ पशुओ को भी अपने घरो से बेघर होना पड़ रहा है। बता दे कि बारिश के कारण 133 दुकानें और 1071 पशु घर तबाह हुए, जबकि 943 जानवरों को भी जान गवानी पड़ी. 24 जून से अब तक हिमाचल प्रदेश में 56 भूस्खलन और 43 अचानक बाढ़ आने की घटनाएं रिकॉर्ड की जा चुकी हैं. रविवार तक यह नुकसान 4414.95 करोड़ रुपए था. 24 घंटे में ही यह नुकसान 220.63 करोड़ रुपए बढ़ गया. हिमाचल में बारिश कम होने का नाम नहीं ले रही है
जो पहाड़ कुछ दिन पहले शांत हुआ करते थे आज वो शांत रहने वाले पहाड़ों का रौद्र रूप देखकर हर किसी का दिल दहल गया. अपने स्थान पर कलकल बहने वाली हिमाचल प्रदेश की शांत नदियों ने ऐसा रौद्र रूप दिखाया, जिससे प्रदेश सरकार को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. भारी बारिश की वजह से हिमाचल प्रदेश को 4635.58 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है.
लगभग कितना हुआ है नुकसान।
आपको बता दे कि बारिश के कारण इस जल प्रलय से जल शक्ति विभाग को 1393.22.08 करोड़ रुपए, लोक निर्माण विभाग को 1429.77 करोड़ रुपए, बिजली विभाग को 1445.64 करोड़ रुपए, बागवानी विभाग को 75.27 करोड़ रुपए, शहरी विकास विभाग को 6.47 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. और अगर बारिश इसी तरह होती रही तो पता नही और कितना नुकसान झेलना पड़ेगा।
लगभग 117 लोगो की गई जान ।
हिमाचल में तेज बारिश की वजह से अब तक 117 लोगों की जान जा चुकी है. वही प्रदेशभर में बारिश की वजह से 481 घर पूरी तरह तबाह हो गए, जबकि 3 हजार 863 को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा. बारिश के कारण 133 दुकानें और 1008 पशु घर तबाह हुए, जबकि 935 जानवरों को भी जान गवानी पड़ी. 24 जून से अब तक हिमाचल प्रदेश में 53 भूस्खलन और 41 अचानक बाढ़ आने की घटनाएं रिकॉर्ड की जा चुकी हैं. बता दे कि भारी बारिश की वजह से हिमाचल प्रदेश की व्यवस्था डिरेल हो गई है. आने वाले दिनों में हिमाचल प्रदेश को वापस पटरी पर लौटने में काफी वक्त लगेगा. प्रदेश में ऐसी तबाही हुई, जिसे आज से पहले इतिहास में कभी किसी ने नहीं देखा. आधुनिकता के इस दौर में भले ही जीवन दोबारा दौड़ना शुरू हो गया हो, लेकिन अभी भी पटरी पर लौटा नहीं है. प्रदेश का पर्यटन कारोबार बुरी तरह प्रभावित है. हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों में सेब सीजन सिर पर है. सड़कें टूटी पड़ी है और सरकार पर सेब सीजन को सफलतापूर्वक पूरा करने का बड़ा दबाव है. ऐसे में सवाल यह है कि सरकार आखिर बड़े नुकसान के बीच डिरेल हो चुकी व्यवस्था को पटरी पर कैसे लौटाएगी