Raja Bhaiya Slams Murshidabad Violence Over Waqf Law, Questions Silence of Political Leaders
राजा भैया का वक्फ कानून पर मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर बड़ा बयान, पूछा – निर्दोषों का क्या कसूर?
AIN NEWS 1: जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष और विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इस घटना को लेकर चिंता जताई और कई अहम सवाल उठाए।
राजा भैया का तीखा सवाल – निर्दोषों को क्यों मारा गया?
राजा भैया ने लिखा, “कह रहीम कैसे निभै, केर बेर को संग…”। इस पंक्ति के जरिए उन्होंने यह जताने की कोशिश की कि जिन लोगों का वक्फ कानून से कोई लेना-देना नहीं था, उन्हें भी इस हिंसा का शिकार बनाया गया। उन्होंने कहा कि जब कोई बिल संसद में पास हो जाता है, तो वह कानून बन जाता है। लेकिन आज देश दो भागों में बंटा नजर आ रहा है – एक वर्ग वक्फ कानून का समर्थन कर रहा है, तो दूसरा विरोध।
उन्होंने आगे कहा कि मुर्शिदाबाद की हिंसा में जिन निर्दोष हिंदू पिता-पुत्र की निर्मम हत्या कर दी गई, जिनके घर और दुकानें जला दी गईं, उन पीड़ितों का इस बिल से कोई संबंध नहीं था। इतना ही नहीं, सैकड़ों हिंदू परिवारों को अपनी जान और अस्मिता बचाने के लिए अपने घर-गांव तक छोड़ने पड़े। राजा भैया ने यह भी कहा कि इन लोगों को तो शायद यह भी नहीं पता होगा कि वक्फ कानून है क्या।
“डीजे भी नहीं बजा रहे थे, फिर क्यों मारे गए?”
राजा भैया ने सवाल उठाया कि आखिर इन लोगों का कसूर क्या था? उन्होंने कहा कि ये लोग तो मस्जिद के सामने डीजे भी नहीं बजा रहे थे, फिर भी उन्हें निशाना बनाया गया। उन्होंने हिंसा को ‘काफ़िरों’ के खिलाफ बर्बरता बताया और कहा कि मारने से पहले किसी से उसकी जाति या धर्म नहीं पूछा जा रहा।
दलित और पिछड़ों के नेताओं की चुप्पी पर भी निशाना
राजा भैया ने विशेष रूप से उन नेताओं को आड़े हाथों लिया जो खुद को पिछड़ों और दलितों का प्रतिनिधि बताते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी जघन्य घटनाओं पर उनकी चुप्पी सबसे बड़ी विडंबना है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर वे लोग इस पर बोलने से क्यों डर रहे हैं?
राजा भैया ने यह भी आरोप लगाया कि वक्फ बिल तो बस एक बहाना है, असली मकसद ‘काफिरों’ को मिटाना है। उन्होंने अपने बयान का अंत संस्कृत के श्लोक “धर्मो रक्षति रक्षितः” से किया, जिसका अर्थ है – जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है।
वक्फ कानून क्या है?
यह कानून भारत में मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और चैरिटेबल संपत्तियों से जुड़ा हुआ है। इस कानून में समय-समय पर संशोधन होते रहे हैं, जिससे वक्फ बोर्ड को अधिक अधिकार दिए जाते हैं। लेकिन अब देश के कुछ हिस्सों में इसके खिलाफ विरोध तेज हो रहा है और इसे लेकर सामाजिक और धार्मिक ध्रुवीकरण भी बढ़ता जा रहा है।
मुर्शिदाबाद हिंसा – एक गंभीर मानवीय संकट
राजा भैया की प्रतिक्रिया उस समय आई है जब मुर्शिदाबाद में हिंसा के कारण कई हिंदू परिवारों को घर छोड़ना पड़ा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह हिंसा एक विशेष समुदाय द्वारा की गई, जिसमें निर्दोष लोगों की हत्या, घरों में आगजनी और लूटपाट हुई। स्थिति इतनी भयावह हो गई कि स्थानीय प्रशासन को सुरक्षा बढ़ानी पड़ी और पीड़ितों के लिए राहत शिविर बनाने पड़े।
राजनीतिक चुप्पी पर उठे सवाल
राजा भैया के बयान का मुख्य फोकस इस बात पर रहा कि देश की राजनीति, विशेषकर विपक्षी और तथाकथित समाजसेवी नेता, इस मुद्दे पर खामोश क्यों हैं। उन्होंने कहा कि जब कोई घटना अल्पसंख्यकों के खिलाफ होती है, तब तुरंत बयान दिए जाते हैं, लेकिन जब पीड़ित बहुसंख्यक समाज से हों, तब सभी मौन हो जाते हैं।
Raja Bhaiya has condemned the Murshidabad violence that erupted during protests against the Waqf Bill, calling attention to the targeted killing and displacement of innocent Hindus. He questioned the silence of political leaders, especially those claiming to represent Dalits and backward classes, and emphasized that the Waqf Bill had nothing to do with the victims. This bold statement by Raja Bhaiya highlights ongoing religious violence in India and sparks debate over the role of political ideologies during such communal unrest.