AIN NEWS 1: किसी ने कहा है शौक भी बड़ी चीज़ है ऐसा ही एक वाक्या उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में देखने को आ रहा है जहां पर राजा-महाराजा जैसा बनने और इलाके में अपना अलग नाम कमाने के शौक में एक डॉक्टर ने महज 1200 स्क्वायर फीट की जगह में ही एक 14 मंजिला भव्य बिल्डिंग तान दी. इस आसमान को छूती हुई किलानुमा बिल्डिंग को देख जब वहा पर आसपास के लोगों ने इसका विरोध जताया तो यह बिल्डिंग बनाने का काम रुक गया. इतना ही नहीं, इन डॉक्टर साहब को बिल्डिंग बनाने के अलावा शादियां करने के भी काफ़ी ज्यादा शौक था. शायद इसकी यही वजह थी कि उन्होंने इसी बिल्डिंग में रहने के लिए ही एक-एक करके अब तक 4 शादियां कर लीं. अब तो 4 पत्नियों से उनके 6 बच्चे भी हैं.

बता दें जिले की चुनार तहसील में ही अदलहाट इलाके का यह मामला बताया जा रहा है. श्रुतिहार गांव के ही रहने वाले सियाराम सिंह पटेल पर चर्चित होने का कुछ ऐसा नशा चढ़ा कि उन्होंने एक गगनचुंबी चौदह मंजिला बिल्डिंग ही बनवा डाली.

वहा पर स्थानीय लोगों के मुताबिक, सियाराम को पहले से ही शानो-शौकत और नाम कमाने का काफ़ी ज्यादा शौक है. उसका सपना पहले से ही था कि हर कोई इस इलाके में उन्हें जाने. इसके लिए उसने आज के दो दशक पहले भी एक बिल्डिंग का निर्माण शुरू करवाया था. लेकीन धीरे-धीरे जब इस बिल्डिंग की ऊंचाई बहुत ज्यादा ही बढ़ने लगी तो आसपास के रहने वाले लोगों ने इसके विरोध में वहा पर अदलहाट थाने में इसकी शिकायत दर्ज करवाई.वहा पर पुलिस के हस्तक्षेप के बाद से ही बिल्डिंग का निर्माण कार्य भी रुका. मगर यह बहुमंजिला इमारत आज भी लगभग दो दशक से ऐसे ही खड़ी है. पिछले दस सालों से यह बिल्डिंग कानूनी विवाद के कारण पूरी तरह से बंद है.

स्थानीय निवासियों का कहना है कि सियाराम सिंह पटेल की तीसरी पत्नी के बच्चों अपने गुजरा भत्ता के लिए कोर्ट गए थे. इसके बाद से ही यह बिल्डिंग पूरी तरह से बंद है.

इस आसमान छूती इमारत के आसपास मे रहने वाले लोगों का यहां पर कहना है कि यह बिल्डिंग काफ़ी ज्यादा जर्जर हो चुकी है. इसकी ऊंचाई के कारण आस पास के लोगो को डर लगता है. इसके कभी भी गिरने के कारण से ही कभी भी कोई बड़ा हादसा यहां पर हो सकता है. वहा पर लोग इस बिल्डिंग को प्रशासन से गिरने की मांग भी जोरों से कर रहे हैं.

फिलहाल तो इस बिल्डिंग को बनाने का शौक रखने वाले सियाराम सिंह पटेल दस साल पहले ही यह गांव छोड़कर सोनभद्र में जा कर बस गए थे. लेकीन अब भी वो गांव में इस बिल्डिंग को देखने के लिए कभी-कभी यहां आते रहते हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here