वार्ड नंबर 42 के पार्षद परमोश यादव ने कहा ,अपने बच्चों को बचाने के लिए कोई भी लड़ाई लडूंगी !
नगर निगम वार्ड नंबर 42 की वर्तमान पार्षद श्रीमती परमोश यादव ने होटल कृष्णा सागर आरडीसी में एक प्रेस वार्ता के माध्यम से बताया की उनके पति के साथ पिछले साल हनी ट्रेप जैसी घटना हुई है। जिसमे बिजनेस स्किम समझाने के नाम पर लाखों की ठगी कर ली। धोखाधड़ी करने वालों में सौरव सिंघल नाम का व्यक्ति व उसकी महिला पार्टनर क्षमा सिंह हैं।इन दोनों ने मिलकर मेरे पति से लाखों की ठगी कर ली। जिसमें लगभग सतरह लाख (1700000) रुपया बैंक ट्रांजेक्शन के माध्यम से लिया गया। उसके बाद भी लगातार उपरोक्त लोग मेरे पति के साथ ठगी करने की कोशिश करते रहे।जब मेरे पति ने इन लोगों को पैसे देने से मना कर दिया तो उपरोक्त लोगों ने फर्जी फेसवुक आर्ड बनाकर मेरे पति व मेरे नाबालिग बच्चे को बदनाम करने की कोशिश की। उसके बाद इन्होंने अफ्रीका के नम्बरों सेमेरे पति को धमकाने और रंगदारी मांगने का काम किया। उपरोक्त मामले की जानकारी कविनगर थाने अज्ञात नाम से दी गई।जब पुलिस में जांच की तो पता चला उपरोक्त व्यक्ति सौरव सिंघल ही है।उसके बाद कविनगर थाना पुलिस ने सौरभ सिंघल के ऊपर रंगदारी में मुकदमा कायम कर दिया। उपरोक्त लोगों ने ट्विटर के माध्यम से मेरे बच्चे को अपहरण में फसाने की कोशिश की उसके तब मुझे उपरोक्त मामले की जानकारी हुई। उसके बाद मैंने वेव सिटी थाने में उपरोक्त मामले की तहरीर व साक्ष्य दिए जिसमे लगभग 6 महीने की जांच के बाद एंटी फ्रॉड सेल ने उपरोक्त लोगों के ऊपर धारा 420,406,506 की धारा में मुकदमा पंजीकृत किया लेकिन इस बीच दोनों ब्लैकमेलर सक्रिय रहे
मेरा चुनाव बिगाड़ने की कोशिश की और मेरे बच्चों के खिलाफ ट्विटर और फेसबुक पर खूब उल्टा-सीधा लिखते रहे। इसकी जानकारी लगातार हमारे द्वारा पुलिस को दी जा रही थी और अब रंगदारी के मुकदमे में जेल से आने के बाद भी और 420 जैसी धाराओं के अभियुक्त होते हुए भी उपरोक्त दोनों ब्लैकमेल हमें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं और पुलिस अधिकारियों के पास जाकर मेरे नाबालिग बच्चे के ऊपर कभी अपहरण तो कभी गैंग रेप जैसी धारा में लगातार प्रार्थना पत्र दे रहे हैं। जबकि पुलिस को उपरोक्त लोगों के बारे में बता है कि यह लोग संगीन धाराओ में अभियुक्त है उसके बावजूद भी मेरे नाबालिग बच्चे और पति के ऊपर झूठे एलिगेशन लगाने की कोशिश की जा रही है। ब्लैकमेलर की इन आपराधिक गतिविधियों से मेरे बेटे का मानसिक संतुलन बिगड रहा है जिससे उसका पूरा जीवन बर्बाद होने के कगार पर आ गया है। इस सबसे मेरे परिवार व मेरी मानहानि हो रही है। हमारी मानहानि की जिम्मेदार गाजियाबाद पुलिस है। यदि मुझे न्याय नहीं मिला तो मैं अपने बच्चे के लिए कोई भी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हूँ। मैं इसकी शिकायत जल्दी योगी जी से भी करूंगी कि आपकी पुलिस मेरी और मेरे परिवार की मानहानि की जिम्मेदार तो है ही साथ ही मेरे बच्चे और पति को कोई भी जान माल का की जिम्मेदारी भी गाजियाबाद पुलिस की होगी। मैं इस प्रेस वार्ता के माध्यम से माननीय न्यायालय से भी निवेदन करना चाहती हूं कि उपरोक्त व्यक्तियों का लंबा इतिहास है और इनकी शिकार केवल मैं नहीं और भी बहुत से लोग हैं लेकिन कोई सामने नहीं आना चाहता ऐसे अपराधियों की जगह समाज नहीं बल्कि जेल है ।मैं आपसे निवेदन करना चाहती हूं कि उपरोक्त लोगों को जल्द से जल्द जेल भेजा जाए।