AINNEWS1.COM :अगर आपको घूमने का शौक है तो इस खबर क़ो जरूर पढ़े। कुछ लोग कम दूरी की यात्रा करते हैं तो कोई दूसरे देशों की सैर करना चाहते हैं। यात्रा के दौरान लोग नई नई जगह जाना खाना पसंद करते हैं। इस दौरान वहां के रहन-सहन खान-पान के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं। कम दूरी की यात्रा के लिए बस, ट्रेन कार आदि का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। वही दूसरे देशों की यात्रा के लिए फ्लाइट का ही सहारा ज्यादा तर लेते हैं। मगर हम आपको बताएँगे की आप भारत से यूरोप के लिए बस से यात्रा कैसे कर सकते हैं। जी हां यह पढ़कर भले ही आपको कुछ अजीब लगे लेकिन यह सच है। दिल्ली से लंदन के लिए बस सर्विस जल्द शुरू होने जा रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार इस साल सितंबर में अत्याधिक सुविधाओं से युक्त लग्जरी बसें दिल्ली से लंदन के लिए रवाना करने की योजना तैयार हो जाएगी।जानें कितना होगा किराया एडवेंचर्स ओवरलैंड की ओर से ‘बस टू लंदन’ की पहल के तहत इस बस मे यात्रा करने के इच्छुक लोग 70 दिनों में करीब 20 हजार किलोमीटर की दूरी लगभग तय करेंगे। इस दौरान 18 देशों से होकर यह बस गुजरेग । इसके लिए आपको 20 हजार डॉलर यानी करीब 15 लाख का पैकेज टोटल लेना होगा। इस पैकेज में टिकट, वीजा और अलग-अलग देशों में ठहरने की सुविधा के साथ सभी सेवाएं शामिल हैं। जानें और क्या है इसकी विशेषताएं 46 साल पहले भी यह बस सेवा शुरू हुई थी इस सर्विस मे आपको बता दें कि 46 साल पहले भी भारत से इस तरह की सेवा शुरू की गई थी। साल 1957 में एक ब्रिटिश कंपनी ने दिल्ली-लंदन-कोलकाता के बीच बस सेवा की शुरू की थी । बाद में एक ब्रिटिश यात्री ने डबल डेकर बस बनाकर दोबारा से सिडनी-भारत-लंदन के बीच बस सेवा क़ो शुरू किया ।
1976 में इसे ईरान की स्थिति और भारत-पाक के तनाव को देखते हुए बंद कर दिया । बस में मिलेगी ये सुविधाएं बताया जा रहा है कि पुरानी बस की तरह नई बस में भी 20 सीटें होंगी। हर यात्री के लिए अलग से केबिन भी होगा। इसमें खाने-पीने से लेकर सोने तक की सुविधाएं पूरी तरह होंगी। इस बस में सफर करने के लिए वीजा सहित सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ ही यात्रा कर सकते हैं।इन देशों से होकर गुजरेगी बस बस के नए रूट की बात करे तो इसमें पाकिस्तान और अफगानिस्तान को अब हटा दिया है।
इनकी जगह बस अब दिल्ली से कोलकाता होते हुए पहले म्यांमार पहुंचेगी। फिर थाइलैंड, लाओस, चीन, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, रूस, लातविया, लिथुआनिया, पोलैंड, चेक गणराज्य, जर्मनी, नीदरलैंड, बेल्जियम, फ्रांस के बाद सबसे बाद मे लंदन पहुंचेगी।