AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा में स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पास जो बुलडोजर एक्शन होने जा रहा था उसपर रोक लगा दी है. कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए केंद्र और रेलवे को एक नोटिस भी जारी किया है. कोर्ट ने पूरे 10 दिन तक यह स्थिति बरकरार रखने का आदेश भी दिया है. SC में अगले हफ्ते ही इस मामले पर सुनवाई भी होगी.दरअसल, मथुरा से वृंदावन के बीच में ही एक मीटर गेज रेल ट्रैक था. उत्तर मध्य रेलवे ने इसे बदलकर ब्रॉड गेज करने का अपना फैसला किया है. ऐसे में मथुरा शहर में ही स्थित नई बस्ती से वहा पर हुआ अतिक्रमण हटाया जा रहा है. सोमवार को भी यहां हुए कुछ अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर चला था. बताया तो जा रहा है कि 600 मीटर के दायरे में बसी इस पूरी बस्ती में करीब 200 अवैध अतिक्रमण चिन्हित कर लिए गए हैं.
इस बुलडोजर की कार्रवाई के खिलाफ हुई SC में याचिका
अतिक्रमण हटाने की इस कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगाई गई थी. याचिकाकर्ता की ओर से ही वरिष्ठ वकील प्रशांतो सेन ने कोर्ट में कहा था कि इस कार्रवाई में क़रीब 200 घर गिराए जाने हैं और इससे क़रीब 3000 लोग इससे प्रभावित होंगे. याचिकाकर्ताओं ने अपना तर्क दिया था कि उनके पास रहने के लिए कोई अन्य जगह भी नहीं है, वे लगभग 100 सालों से भी अधिक समय से इस स्थान पर ही रह रहे हैं.
रेलवे ने इस जमीन को खाली करने की अपील की थी
मथुरा वृंदावन रेलवे लाइन के किनारे रेलवे की जमीन पर ही कथित तौर पर अवैध कब्जा करके रह रहे लोगों से रेलवे ने इस जमीन को खाली करने के लिए कहा था. इतना ही नहीं रेलवे द्वारा वहा कुछ अवैध अतिक्रमण की भी पहचान की गई थी. हालांकि, यहां रहने वाले सभी लोग इसके लिए तैयार तो नहीं हुए. उनका कहना है कि वे पिछले कई सालों से यहां रह रहे हैं. रेलवे ने जब मथुरा वृंदावन ब्रॉड गेज का अपना काम उन्होने तेज किया, तो नई बस्ती में भी अतिक्रमण के खिलाफ रेलवे ने कार्रवाई शुरू की.
पिछले हफ्ते ही रेलवे और प्रशासन की टीम ने यहां पर कुछ ‘अवैध निर्माणों को ध्वस्त भी किया था. इसके बाद बाकी लोगों ने खुद को अवैध निर्माण हटाने के लिए रेलवे से समय मांगा था. रेलवे की ओर से इन्हे तीन दिन का समय भी दिया गया था. हालांकि, इस दौरान लोग सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंच गए. उधर, रेलवे ने सोमवार को फिर से वहा पर बुलडोजर चलाया.