AIN NEWS 1: जैसा कि आप सभी जानते है सनातन धर्म को लेकर उदयनिधि मारन के एक बयान के ऊपर चारो तरफ घमासान मचा हुआ और वह कम होने का नाम भी नहीं ले रहा है. लेकीन उदयनिधि अपने इस बयान पर अभी तक कायम है तो वहीं बीजेपी (BJP) ने भी अब इसे एक बड़ा मुद्दा बनाने की पूरी तैयारी कर ली है. इस बीच ‘इंडिया’ गठबंधन के लिए भी इस मामले पर जवाब देना काफ़ी मुश्किल हो रहा है. कांग्रेस समेत, तमाम राजनीतिक दल भी इस बयान पर अपनी नपी-तुली प्रतिक्रिया ही दे रहे हैं. इस सबके बीच राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के बड़े नेता और जयंत चौधरी (Jayany Chaudhary) के बहुत करीबी रोहित अग्रवाल (Rohit Agarwal) ने इस पूरे विवाद पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है. बता दें सनातन धर्म की तुलना बीमारी से करने वाले पर इस रालोद नेता रोहित अग्रवाल ने अपनी कड़ी आपत्ति जताई और उन्होने कहा कि सनातन धर्म इतना भी कमजोर नहीं कि किसी के कुछ कहने से ही आहत हो जाए, वहीं उन्होंने इस पूरे मामले में ही बीजेपी पर भी अपने चुनावी फायदे के लिए सनातन धर्म का बार-बार अपमान कराने का गम्भीर आरोप भी लगाया. रालोद नेता ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर भी उदयनिधि स्टालिन के बयान के ऊपर एक पोस्ट के जरिए अपना जवाब दिया.
उदयनिधि के बयान पर रालोद नेता का पूरा जवाब
हमारा सनातन धर्म इतना कमजोर नहीं है कि कोई भी कुछ भी बोल दे और सनातन धर्म आहत हो जाए।
वैसे इस उदय निधि स्टालिन का नाम दो दिन पहले कितने लोग जानते थे।
हमने ठेका थोड़ी ना लिया है किसी भी कुत्ते के भौंकने का।
भारतीय जनता पार्टी अपने चुनावी लाभ के लिए सनातन धर्म का अपमान निरंतर…— Rohit Agarwal (@rohitagarwal850) September 5, 2023
रालोद नेता ने इसमें कहा कि “हमारा सनातन धर्म कोई इतना कमजोर नहीं है कि कोई भी कुछ भी बोल दे और सनातन धर्म उससे आहत हो जाए. वैसे इस उदय निधि स्टालिन का नाम ही दो दिन पहले कितने लोग जानते थे. हमने इसका ठेका थोड़ी ना लिया है किसी भी कुत्ते के भौंकने का… भारतीय जनता पार्टी अपने चुनावी लाभ के लिए सनातन धर्म का अपमान निरंतर करवाने की कोशिश कर रही है, पर वह सफल नहीं होगी.”
सपा पार्टी ने दी अपनी सधी हुई प्रतिक्रिया
उदयनिधि के इस बयान पर समाजवादी पार्टी की ओर से भी अपनी सधी हुई प्रतिक्रिया सामने आई है, सपा सांसद राम गोपाल यादव ने इस मामले में कहा कि ‘धर्म के बारे में अगर कोई कुछ भी कहता है तो ये उस व्यक्ति का अपना विचार निजी होता है. किन परिस्थितियों में… क्यों ये बयान दिया गया या फिर कभी भी कोई बयान आता है किसी का तो बिना उसके गहराई में गए हुए, बिना उसका पता किए हुए उस पर भी कोई अगर बयान देता है वो भी आखिर में कष्टदायी होता है.’ उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के किसी के धर्म के खिलाफ कोई भी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.