Demand for President’s Rule in West Bengal Over Hindu Persecution by Satya Sanatan Yuva Vahini
पश्चिम बंगाल में हिन्दू समाज पर अत्याचार को लेकर राष्ट्रपति शासन की मांग
AIN NEWS 1: 22 अप्रैल 2025 को सत्य सनातन युवा वाहिनी, जिला शाखा गाजियाबाद के कार्यकर्ताओं ने एक महत्वपूर्ण ज्ञापन भारत सरकार के नाम प्रधानमंत्री को सौंपा। इस ज्ञापन में पश्चिम बंगाल में हिन्दू समाज के ऊपर हो रहे लगातार हमलों, उत्पीड़न और भेदभाव पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है। संगठन ने केंद्र सरकार से मांग की है कि राज्य में तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।
संगठन की भूमिका
सत्य सनातन युवा वाहिनी ने यह स्पष्ट किया है कि उनकी यह पहल पूरी तरह शांतिपूर्ण है और संविधान की मर्यादा के अंतर्गत की गई है। संगठन का मानना है कि देश के हर नागरिक को समान अधिकार और सुरक्षा मिलनी चाहिए, चाहे उसकी धार्मिक पहचान कुछ भी हो।
इस दौरान (संस्थापक अध्यक्ष)मोहन लाल गौड़ ने कहा कि बंगाल में हो रही हिंसा अब बर्दाश्त के बाहर है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि वह तत्काल हस्तक्षेप कर पीड़ित हिन्दू समाज को राहत पहुंचाए।
जिलाध्यक्ष बबलू चौधरी ने हस्ताक्षरित इस ज्ञापन में देश के प्रधानमंत्री से निवेदन किया गया है कि इस गंभीर मुद्दे पर शीघ्र निर्णय लेकर राज्य में कानून व्यवस्था को बहाल किया जाए और हिन्दू समाज को न्याय दिलाया जाए।
पृष्ठभूमि और चिंता का कारण
ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि पश्चिम बंगाल में बीते कुछ वर्षों से हिन्दू समाज के प्रति हिंसा और पक्षपात की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। विशेषकर मौजूदा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में राज्य सरकार पर यह आरोप लगाया गया है कि वह हिन्दू समाज के हितों की उपेक्षा कर रही है।
त्योहारों में बाधा, धार्मिक स्थलों का अपमान, हिन्दू युवाओं पर झूठे मुकदमे और प्रशासनिक निष्क्रियता जैसी घटनाएं आम होती जा रही हैं। इन हालातों ने हिन्दू समाज में भय और असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है।
प्रमुख मांगें
संगठन ने ज्ञापन के माध्यम से निम्नलिखित मुख्य मांगें रखीं:
1. उच्च स्तरीय जांच: पश्चिम बंगाल में हिन्दू समाज पर हो रहे अत्याचारों की निष्पक्ष और गहन जांच होनी चाहिए।
2. राष्ट्रपति शासन: राज्य में बढ़ती अराजकता और प्रशासनिक विफलता को देखते हुए राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए।
3. न्याय और सुरक्षा: पीड़ित हिन्दू परिवारों को न्याय मिले और उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए।
4. भेदभाव समाप्त हो: धार्मिक आधार पर हो रहे भेदभाव को तुरंत रोका जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो।
5. केंद्र की निगरानी: राज्य सरकार की हिन्दू-विरोधी नीतियों पर केंद्र सरकार संज्ञान ले और आवश्यक कदम उठाए।
संगठन की भूमिका
सत्य सनातन युवा वाहिनी ने यह स्पष्ट किया है कि उनकी यह पहल पूरी तरह शांतिपूर्ण है और संविधान की मर्यादा के अंतर्गत की गई है। संगठन का मानना है कि देश के हर नागरिक को समान अधिकार और सुरक्षा मिलनी चाहिए, चाहे उसकी धार्मिक पहचान कुछ भी हो।
जिलाध्यक्ष बबलू चौधरी ने हस्ताक्षरित इस ज्ञापन में देश के प्रधानमंत्री से निवेदन किया गया है कि इस गंभीर मुद्दे पर शीघ्र निर्णय लेकर राज्य में कानून व्यवस्था को बहाल किया जाए और हिन्दू समाज को न्याय दिलाया जाए।
यह ज्ञापन न केवल पश्चिम बंगाल में हो रही घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाने का माध्यम है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि देश भर में हिन्दू समाज की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ रही है। केंद्र सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए आवश्यक संवैधानिक उपाय करने चाहिए।
Satya Sanatan Yuva Vahini’s district unit in Ghaziabad has submitted a strong memorandum to the Prime Minister of India demanding President’s Rule in West Bengal. The organization highlighted rising incidents of Hindu persecution, religious violence, and biased governance under Chief Minister Mamata Banerjee. They called for a high-level investigation, justice for Hindu families, and immediate action to restore law and order in the state. The demand reflects growing national concern over Hindu rights and communal harmony in West Bengal.