एमएमजी अस्पताल में बाहर पड़ा खून का बैग !
यूपी के गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल में खून से भरे कई बैग सड़क पर बिखरे हुए थे। खून से भरे बैगों को बोरे में भरकर बायो वेस्ट डिस्पोज रुम बायो हैजार्ड में फिकंवाया गया था। वहां कुत्तों नें ब्लड बैगों को बोरे में निकाल कर सड़क पर खींच ले गए। संक्रमित खून से किसी भी स्वस्थ व्यक्ति में संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। एक अक्टूबर को अस्पताल में स्वच्छता अभियान चलाया गया था, जबकि दो अक्टुबर को अस्पताल परिसर में कुत्ते खून और खून का बैग खींच रहे थे। वही अस्पताल में कई रक्तदान शिविर लगे थे। आंशका जताई जा रही है कि शिविर में ब्लड बैंक को कुछ संक्रमित रक्त मिला होग, जिसका प्रयोग नही किया जा सकता इसलिए उसे नष्ट करने के लिए फिंकवा दिया गया होगा।
डॉ.एसपी सिंह ने दी जानकारी
एमएमजी के रक्तकोष प्रभारी डॉ. एसपी सिंह का कहना है कि उन्हें सूचना मिली थी कि बायोवेस्ट निस्तारण कक्ष में रखे कुछ खून के खाली बैग और खून निकालने की नली कुत्तों ने खींचकर बाहर निकाल दिया था। शायद ये भी सकता है कि ब्लड बैंक से वार्ड से मरीजों को चढ़ाने के लिए खून मंगवाया हो और बुखार होने के बाद मरीज को खून चढ़ाया नहीं गया हो। इसके बाद खून को खराब मानकर स्टाफ ने बायो मेडिकल वेस्ट में फेंक दियो हों। ब्लड बैंक के वरिष्ठ टेक्नीशियन एके तोमर का कहना है कि ब्लड बैंक में यदि खून खराब हो जाता है. तो भी उसे फेका नहीं जाता । खराब होने वाले ब्लड को दवा कंपनियों को दे दिया जाता है, जो दवाइयां बनाने के काम आता है। बता दे कि एमएमजी अस्पताल में ढाई हजार मरीज इलाज कराने के लिए आते है। इनमें से 55 से 60 मरीज ऑपरेशन, एनीमिया और बुखार से पीड़ित होने पर भर्ती होते है। इनमें कई मरीजों को खून चढ़ाने की जरुरत होती है साथ ही इसके अलावा बड़ी मात्रा में वायो मेडिकल वेस्ट निकलता है।
सीएमएस डॉ मनोज चतुर्वेदी ने दी जानकारी
बता दे कि सीएमएस डॉ. मनोज चतुर्वेदी का कहना है कि एक बार फिर से पूरा प्रकरण की जांच होगी. उन्होने कहा कि मामले में ब्लड बैंक से जुड़े अधिकारियों और वार्ड से स्पष्टीकरण मांगा गया है। मंगलवार को पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी कि आखिर लापरवाही किस स्तर से हुई है। प्राथमिक तौर पर सफाई कर्मचारी की लापरवाही सामने आई है. क्योकि उसने वेस्ट हैजार्ड में रखने के बाद शटर का ताला नहीं बंद किया और कुत्ते बाहर खींचकर ले गए।