AIN NEWS 1: उत्तराखंड में चल रही नकली दवाओं की फैक्ट्री के जरिए ही मुजफ्फरनगर व देहरादून के एक शख्स ने नोटों का ऐसा बड़ा पहाड खडा कर दिया के पुलिस भी देख कर चकरा गई। लॉकडाउन में hi बेरोजगार हुए दो लोगों ने देश के लोगों की सेहत से खिलवाड कर अपनी कमाई का एक ऐसा जरिया निकाला कि जब भी इनकी नकली दवाओं की फैक्ट्री का भंडाफोड हुआ तो उनकी संपत्ति को जानकर पुलिस की आंखे भी मानो फटी की फटी रह गई। ये दोनों बीपी-शुगर, दर्दनिवारक जैसी जीवनरक्षक नकली दवाएं बनाने वाली इनकी फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया गया था। इन आरोपियों द्वारा कई नामी कंपनी की कई सारी नकली दवाइंया बनाकर धड़ल्ले से बाजार में बेचा जा रहा था। इन नकली दवाओं को बेचकर आरोपियों ने कई करोड़ों की संपत्ति भी जोड़ ली थी। लेकिन, पुलिस का अब इन आरोपियों की संपत्तियों और बैंक खातों के खिलाफ भी कड़ा ऐक्शन होने वाला है।
इस मामले में नकली दवा कंपनी को खोलकर दो साल में ही करोड़ों रुपये जोड़ने वाले आरोपियों की यह काली कमाई का हिसाब उनके बैंक खातों से ही लगाया जाएगा। पुलिस ने इन आरोपियों की कुल पांच फार्मों और इनके निजी खातों समेत कुल 28 अकाउंट की स्टेटमेंट भी निकलवाई है।इन खातों में जमा हुई पूरी रकम के साथ इन दवा बनाने के लिए कच्चे माल की खरीद को ट्रांसफर की गई सारी रकम का हिसाब भी खंगाला जा रहा है। बीते रविवार को ही दून पुलिस ने हरिद्वार में इस तरह से नकली दवा फैक्ट्री का खुलासा किया था। इसका सप्लाई कार्यालय दून में ही चल रहा था।
इस पूरे मामले में ही देहरादून एसएसपी अजय सिंह के अनुसार, इस मामले में आरोपी सचिन शर्मा उम्र (40 वर्ष) पुत्र नरेंद्र कुमार मूल निवासी अशोकपुरम दिल्ली रोड मंगलौर रुड़की और विकास (32 वर्ष) पुत्र उदयवीर निवासी बेड़ाआसा जानसठ सिखेड़ा मुजफ्फरनगर यूपी दोनों ही हाल निवासी अमेजन कॉलोनी सहस्रधारा रोड को भी गिरफ्तार किया था।
दून पुलिस की जांच में यह पता चला कि दोनों ही एक कंपनी में काम करते थे और कोरोना काल में ही वो बेरोजगार हो गए थे। पुलिस के अनुसार, इन आरोपियों ने पिछले साल हरिद्वार के भगवानपुर क्षेत्र में भी दवा फैक्ट्री खोली। यहां पर भी इन दोनों ने तीन बड़ी कंपनियों के नाम से नकली दवा बनाकर उसकी सप्लाई शुरू की।
इससे आरोपियों ने कुल एक करोड़ से ज्यादा कीमत की कार, रुड़की में 35 लाख का एक फ्लैट, 12 लाख की एक और कार, हरिद्वार में फैक्ट्री के लिए कुल चार बीघा जमीन, अमन विहार में भी एक करोड़ का मकान और 50 लाख में दून में दूसरा मकान भी खरीदा।पुलिस के अनुसार, दोनों ही आरोपियों के 28 बैंक खातों में कुल 65 लाख रुपये जमा थे। इन्हें भी फ्रीज करवा दिया गया है। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों के सभी खातों में पिछले दो साल में कई करोड़ रूपये जमा हुए। इससे पता लगाया जा रहा है कि आरोपियों ने कहां-कितनी सारी नकली दवाओं की सप्लाई की।