बता दे कि ट्रांस हिंडन क्षेत्र के इंदिरापुरम, वसुंधरा, सिद्धार्थ विहार, वैशाली, डेल्टा कॉलोनी और कोशांबी को एक बार फिर त्योहारों के सीजर में दिवाली यानी की 12 नवंबर तक पानी के संकट का सामना करना पड़ेगा। इससे पहले भी पानी का वहा के लोगो का पानी का सकंट का सामना करना पढ़ा था .बता दे कि पानी के सकंट की वजह ये है कि सफाई के लिए गंगनहर को मंगलवार की शाम बंद कर दिया गया है. इसी के साथ ही गंगाजल की आपूर्ति बंद हो गई है और इससे लोगो को काफी ज्यादा दिक्कत का सामना भी करना पढ़ रहा है. और अब जल निगम के प्रताप विहार प्लाट पर जितना पानी बचा है, उसकी ही सप्लाई हो सकेगी। इसके बाद जीडीए और नगर निगम को टयूवबेल और टैंकर से दिन में एक समय पानी दिया जाएगा।
लोगो ने दी जानकारी
बता दे कि गंगाजल परियोजना के अधिशासी अभियंता उन्मेश शुक्ला ने बताया कि हर साल की अक्टूबर के महीने में यह स्थिति आती है। जब गंगनहर को बंद करके सफाई और प्लांट में मरम्मत के काम किए जाते है वही आपको बता दे कि प्रताप विहार प्लाटं की भंडारण क्षमता 150 क्यूसेक है. इतना ही पानी को पहले से ही भंडारण करके रखा गया है ताकि अगले एक-दो दिन में इसी से आपूर्ति करने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही बता दे कि टयूबवेल और टैंकर से आपूर्ति की व्यस्था कर दी गई है.
बोतलबंद पानी के भरोसे हुए लोग
आपको बता दे कि गंगाजल की आपूर्ति बंद होते ही ट्रांस हिंडन क्षेत्र के छह लाख से अधिक लोग बोतलबंद पानी के भरोसे हो जाते हैं। इस पानी की गुणवत्ता पर कई बार सवाल उठ चुके हैं। इसके ज्यादातर प्लांट के पानी के नमूने फेल हो चुके हैं लेकिन मजबूरी में लोगों को इसे ही खरीदना पड़ता है। कई जगह तो टैंकर पहुंचता ही नहीं है। ट्यूबवेल से पानी बहुमंजिला इमारतों की ऊपरी मंजिल तक नहीं पहुंच पाता है और फिर इसी कारण लोगो को कुछ दिनों तक बोतलबंद पानी के भरोसे होना पढ़ता है ये कोई पहली बार ऐसा नही हुआ है ये हर साल इसी तरह से होता है और कुछ दिन तक लोगो को पानी की समस्या होती है.
छठ में नहीं होगी लोगो को समस्या
बता दे कि इस साल 17 नवंबर से छठ पर्व शुरू हो रहा है। 17 नवंबर को नहाय खाय है। 18 नवंबर को खरना और 19 नवंबर को संध्या अर्घ है। 20 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ देने के साथ ही यह पर्व समाप्त हो जाएगा। राहत की बात है कि गंगाजल की सप्लाई छठ पर्व से तीन दिन पहले ही शुरू करने का दावा किया जा रहा है। नोएडा में पूर्वांचल के लोगों की एक भीड़ रहती है। काफी दूर दूर से लोग यहां पर मौजूद रहते है और इसी के लिए गंगानहर कि सफाई कि जाती है।