बता दे कि यूपी के गाजियाबाद के जिला संयुक्त अस्पताल संजयनगर, गाजियाबाद का भ्रमण किया। इसके बाद मण्डलीय चिकित्सा अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान उपमुख्यमंत्री ब्रिजेश पाठक ने कहा कि चिकित्सक समय अपने-अपने कक्षों में उपस्थित रहे और मरीजों को उपचार उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। साथ ही बता दे कि प्रदेश के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने सोमवार यानी की कल सुबह नौ बजे संयुक्त जिला अस्पताल का निरीक्षण किया तो उन्हें मच्छर भिनभिनाते हुए नजर आए. साथ ही कई जगह कूड़े के गंदगी पसरी हुई थी. इस पर उपमुख्यमंत्री ने कड़ी नाराजगी जाहिर की. इलके अलावा सीएमएस डॉ. विनोद चंद्र पांडये से उन्होंने कहा कि वह इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे अस्पताल की व्यवस्थाएं ठीक से बना कर रखे. उपमुख्यमंत्री और चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा मातृ एवं शिशु परिवार कल्याण उप्र सरकार मंत्री ब्रिजेश पाठक ने जिला संयुक्त चिकित्सालय संजयनगर गाजियाबाद का भ्रमण एवं मण्डलीय चिकित्सा अधिकारियों की समीक्षा बैठक की। उप मुख्यमंत्री ने इस दौरान 10 टीबी मरीजों को पुष्टाहार वितरित किया।
बता दे आपको जब उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक जिला अस्पताल का निरीक्षण कर रहे थे तो उस दौरान कई डॉक्टर अपनी सीट पर मौजूद नहीं मिले चेस्ट फिजिशियन डॉ. राहुल वर्मा भी अपने कक्ष में मौजूद नहीं थे, जबकि ओपीडी में मरीज उनका इंतजार कर रहे थे। इस पर डिप्टी सीएम ने मौके पर ही सीएमओ से डॉक्टर को फोन कराकर उनकी उपस्थिति के बारे में पूछा और तत्काल प्रभाव से अपने कक्ष में मौजूद रहने के निर्देश दिए। सीएमएस डॉ. विनोद चंद्र पांडेय ने बताया कि उस दौरान वह डिप्टी सीएम की ड्यूटी में ही लगे थे। ब्रजेश पाठक ने डॉक्टरों को निर्देश दिया कि हर स्थिति में मरीज को भगवान मानकर बेहतर इलाज और अच्छा व्यवहार करें। उन्होंने दावा किया कि डेंगू को लेकर पहले जैसी स्थिति नहीं है। शत-प्रतिशत मरीजों को भर्ती कर इलाज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। भनेड़ा गांव में डेंगू मरीजों को लेकर कहा कि सीएमओ ने स्वास्थ्य शिविर लगवाया था।
ब्रजेश पाठक के आते ही मरीजो को रोका गया
डिप्टी सीएम के आते ही ओपीडी पहुंचने वाले मरीजों को मुख्य गेट के बजाय पीछे वाले गेट से आने दिया गया जिसके बाद मरीज भूतल पर संचालित ओपीडी में पहुंच सके। प्रथम तल पर संचालित ओपीडी में जाने से मरीजों को रोका गया, इससे मरीजों में गुस्सा दिखा, मरीजो ने गुस्से में कहा कि ऐसे मंत्री अस्पताल नहीं आए तो अच्छा है। प्रथम तल पर ईएनटी, आंखों व आयुर्वेदिक चिकित्सक बैठते हैं। लेकिन, यहां तक पहुंचने से पहले ही गेट बंद कर दिया गया।