बता दे आपको पुलिस की अपराध शाखा ने पूरे भारत में विभिन्न सरकारी व निजी विश्वविद्घालयों और राज्य शिक्षा बोर्डों की फर्जीं डिग्री, मार्कशीट और प्रमाणपत्र बनाने वाले गिरोह का भड़ाफोड़ कर दो आरोपियों को बुराड़ी के कमल विहार निवासी डालचंद मेहरोलिया उर्फ अमर और बुराड़ी के कौशिक एन्क्लेव निवासी महावीर कुमार को गिरफ्तार किया है. आपको बता दे आरोपी 10वीं से लेकर पीएचडी तक की डिग्री के लिए 20 हजार से दो लाख रुपये लेते और फर्जी डिग्री और मार्कशीट बनाकर देते थे। जानकारी के अनुसार बता दे अब तक 2000 लोगों की फर्जी मार्कशीट व डिग्री बना चुके हैं। वही डालचंद को नेताजी सुभाष प्लेस कांप्लेक्स में चल रहे शिक्षा संस्थान ऑफ इंडिया से गिरफ्तार किया गया. यहां से फर्जी डिग्रियां, मार्कशीट, सर्टिफिकेट, लैपटॉप, प्रिटंर, मोबाइल फोन, फर्जी स्टांप, होलोग्राम, फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए खाली कागज बरामद किए गए है .
पुलिस आयुक्त रविंद्र सिंह यादव ने दी जानकारी
रविंद्र सिंह यादव के अनुसार आपको बता दे कि आरोपियों ने कोविड-19 महामारी के दौरान इस धंधे की शुरुआत की थी। साथ ही रविंद्र सिंह ने कहा कि एक डिग्री बनाने के लिए 20 हजार से 2.20 लाख रुपये तक लेते थे और इन फर्जी डिग्री व प्रमाणपत्र बनवाने वाले कई लोगों ने भारत और विदेशों में नौकरी भी हासिल की है. साथ ही उन्होंने बताया कि बताया कि एएसआई विजुमोन को सूचना मिली थी कि एमएच एडुवर्सिटी, नेताजी सुभाष प्लेस कॉम्प्लेक्स में स्थित डिजिटल स्कूल ऑफ इंडिया की आड़ में फर्जी मार्कशीट और डिग्री तैयार करने का गिरोह चल रहा है। एक सूचना के बाद पुलिस ने पीतमपुरा में छापा मारकर डालचंद को पकड़ा। उससे पूछताछ के बाद महावीर को दबोचा गया। संस्थान से मौके से शंघाई इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, विलियम केरी यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ शिलांग, उत्तराखंड, राजस्थान, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, कलिंग, बिहार आदि की कुल 19 फर्जी मार्कशीट, सर्टिफिकेट, डिग्री, 11 लैपटॉप, 14 मोबाइल फोन और नकली मुहरें बरामद की गईं। फिलहाल पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया है.