बता दे आपको दूसरे दिन भी हवा काफी ज्यादा जहरीली रही है दिवाली के बाद दो दिन से शहर की हवा लगातार खराब होती ही जा रही है वही मंगलवार को हालत और ज्यादा खराब हो गई. एक्यूआई बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया. इससे सांस के मरीजों की और ज्यादा बढ़ गई है उनको सांस लेने में काफी ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है आपको बता जिला अस्पताल में 450 लोग पहुंच गए है इससे ज्यादा मरीज मरीज निजी अस्पतालों में पहुंचे. दिन पर दिन बढ़ते प्रदूषण और गिरते तापमान से बच्चों को दोहरी मुसीबत झेलनी पड़ रही है. सबसे ज्यादा सख्या में बच्चे सर्दी-खांसी, निमोनिया और मौसमी बुखार के शिकार हो रहे हैं। आपको बता दे एमएमजी व सयुंक्त अस्पताल में मंगलवार को दो हजार से अधिक मरीज पहुंचे. इनमें 1500 से अधिक मरीज में बदलाव के कारण बीमार हुए थे. इनमें 450 सांस के मरीज थे.
डॉ. आशीष प्रकाश ने दी जानकारी
बाल रोग विशेषज्ञों डॉ. आशीष प्रकाश का कहना है कि तापमान में गिरावट आने से बच्चों में वायरल फीवर, जुकाम, खांसी और बुखार हो रहा है. एमएमजी अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञों के पास बुखार से बीमार बच्चे बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। मंगलवार को 232 ओपीडी में पहुंचे। ये बच्चे खांसी, जुकाम और बुखार से पीड़ित थे। संयुक्त अस्पताल के बाल रोग विभाग में 165 बच्चे ओपीडी में पहुंचे। इनमें ज्यादातर बुखार, खांसी से पीड़ित थे। इसके अलावा बड़ों में भी वायरल, खांसी, जुकाम की शिकायत हो रही है साथ ही एमएमजी अस्पताल के सीएमएस डॉ. मनोज चतुर्वेदी का कहना है कि इस समय जो भी मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं, उनमें 80 फीसदी मौसम में बदलाव होने पर सर्दी- -जुकाम, व बुखार से पीड़ित हैं।