AIN NEWS 1 उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पुलिस के एक इंस्पेक्टर रविवार को अचानक ही सुर्खियों में आ गए। हालांकि इस बार इसकी वजह कोई करप्शन या पुलिस का गलत व्यवहार नहीं, बल्कि उनकी ओर से किया गया एक ऐसा सराहनीय काम है। आज जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है। और हम भी कर रहे हैं दरअसल, लोनी बॉर्डर थाने के ही प्रभारी डॉ. राम सेवक ने एक ऐसे लाचार पिता की पूरी मदद करते हुए उसकी बेटी का शादी का पूरा खर्चा उठाया है। जिससे उस पिता की उम्मीद टूटने से बच गई है।उन्होंने यह पूरी जिम्मेदारी उस वक्त उठाई है, जब इस परिवार के पास कुछ भी नहीं बचा था और कोई भी इनकी मदद को अब आगे भी नहीं आ रहा था। लड़की की शादी के लिए समय भी काफ़ी कम बचा था, उनके अपने भी काम नहीं आ रहे थे। ऐसे में इस डॉ. राम सेवक को जब यह पता चला तो उन्होंने इस मजबूर पिता की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, लोनी बॉर्डर की ही विकास कुंज कॉलोनी में रहने वाले बलराम सिंह और उनकी पत्नी लक्ष्मी दोनो ही दिव्यांग हैं। दोनों बहुत गरीब भी हैं। उन्होंने इस दौरान बताया कि बेटी कोमल की शादी के लिए कई साल से अनलोगो ने 2-3 लाख रुपये जमा कर रहे थे। उन्होंने बेटी की शादी भी तय हो चुकी थी। यह शादी 4 दिसंबर को थी और घर में इसकी तैयारियां भी तेजी से चल रही थी। अचानक कुछ दिन पहले उनके पास कुछ ठगों की कॉल आई और उन्होंने उनके खाते से ये सभी रुपये उड़ा लिए।
आपने रुपये को वापस पाने के लिए रोज जाते थे थाने
वह पीड़ित पिता ने ठगी की शिकायत लोनी बॉर्डर थाने में भी कर दी थी। शिकायत देने के बाद से ही वह रोजाना थाने के चक्कर भी लगाते थे और थाना प्रभारी से इन ठगों को पकड़कर रुपये वापस दिलाने की अपील भी करते रहे। कई दिनों बाद भी जब उनके रुपये वापस नहीं मिले तो एक दिन वह थाने में काफ़ी ज्यादा भावुक हो गए। थाना प्रभारी ने उनसे पूछा तो उन्होंने सारी बात बताई। उन्होंने कहा कि अपनी बेटी की शादी के कुछ ही दिन बाकी हैं और रुपये उनके पास नहीं हैं। अब उनके पास शादी तोड़ने के अलावा कोई भी और विकल्प नहीं है।
उनकी तकलीफ सुनकर थाना प्रभारी ने ली यह जिम्मेदारी
इस पीड़ित की बात सुनकर थाना प्रभारी डॉ. रामसेवक ने उनको पूरी तरह से ढांढस बंधाते हुए उन्हे यह रिश्ता न तोड़ने की सलाह दी। उन्होंने बलराम सिंह से उनकी हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया। इसके बाद थाना प्रभारी उस परिवार की मदद की पूरी तैयारी करने लगे। उन्होंने अपने पैसों से ही इस लड़की की शादी का सारा जरूरी सामान खरीदकर पिता को रविवार (3 दिसंबर) को ही दे दिया। शादी का पूरा सामान देखकर पूरा परिवार ही काफ़ी खुश हुआ। बलराम सिंह ने पूरे थाने को ही आज अपनी बेटी की शादी में भी बुलाया है।