AIN NEWS 1 उत्तर प्रदेश:लखनऊ मे सीबीआई ने हाई कोर्ट के ही पूर्व न्यायाधीश एसएन शुक्ला व उनकी पत्नी सुचिता तिवारी के खिलाफ मे अब आय से अधिक संपत्ति की जांच की गई तो सीबीआई को पता चला कि दोनों ने ही घोषित से कहीं अधिक की संपत्ति को अर्जित कर रखी है। इसके बाद विशेष न्यायाधीश (सीबीआई पश्चिम) की अदालत में इसका एक आरोप पत्र दाखिल किया गया, जिस पर इस मामले में अग्रिम कार्यवाही के लिए अदालत ने 20 फरवरी की तिथि को नियत कर दी।आय से अधिक इस संपत्ति के मामले में अब पूर्व न्यायाधीश फिर से घिर चुके हैं। अब सीबीआई भी इस मामले में लगातार ही जांच कर रही है। इस पूरे मामले में सीबीआई ने हाई कोर्ट की ही लखनऊ पीठ के तत्कालीन न्यायाधीश एसएन शुक्ला व अन्य के खिलाफ मे एक केस भी दर्ज किया था।
इस पूरे मामले में सीबीआई की जांच में ही खुली पोल
सीबीआई की पूरी जांच में सामने आया है कि अमेठी में स्थित शिव शक्ति धाम ट्रस्ट से भी लाखों रुपये सुचिता तिवारी के खाते में सीधे भेजे गए थे, जबकि फैजाबाद की ट्रस्ट ने वर्ष 2015 से 2017 के बीच सुचिता तिवारी के खाते में ही 2.84 लाख रुपये भेजे थे। फैजाबाद की ही शैक्षणिक संस्था ने वर्ष 2015 से 2020 के बीच में ही सुचिता तिवारी को साढ़े आठ लाख रुपये से भी अधिक दिए थे।
यहां हम आपको बता दें काली कमाई को ऐसे किया सफेद
इस पूरी जांच में ही सामने आया है कि पूर्व जज की इस काली कमाई को इन सभी संस्थाओं की मदद से ही सफेद किया गया था। वहा पर यह भी सामने आया है कि वर्ष 2012 में ही पूर्व जज के साले साईंदीन तिवारी के नाम ही लखनऊ में भी साढ़े तीन लाख रुपये की ही जमीन खरीदी थी, जिसे बाद मात्र दो वर्ष बाद शाइन सिटी संचालकों को इसे तीस लाख रुपये में बेचा गया था।
जमीनों में भी की गई थी हेराफेरी
सीबीआई की जांच में यह भी सामने आया कि पूर्व जज एसएन शुक्ला ने 2013 में ही एक जमीन खरीदी थी। उसे चार वर्ष बाद ही इन्होंने शाइन सिटी संचालकों को लगभग 70 लाख रुपये में ही बेच दी। शाइन सिटी के हिमांशु कुमार के जरिए ही पूर्व जज ने शिव शक्ति धाम ट्रस्ट को भी 80 लाख रुपये का एक भुगतान कराया था। अर्थ इंफ्रा लैंड डेवलपर्स के जरिए भी वर्ष 2018 में ही लखनऊ में एक भूखंड खरीदे जाने की बात भी सामने आई है।
इसके बाद सीबीआई में भी दर्ज किया था केस
सीबीआई दिल्ली की ही एंटी करप्शन ब्रांच-टू ने पूर्व जज एसएन शुक्ला, सुचिता तिवारी व साईंदीन तिवारी इन तीनों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का एक केस भी दर्ज किया था। यहां इनपर आरोप है कि उन्होंने अपने परिवार वालों के नाम पर ही आय के ज्ञात स्त्रोत से लगभग 2.54 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति भी अर्जित की थी। यह संपत्ति वर्ष 2014 से वर्ष 2019 के बीच में ही अर्जित की गई थी, तब वह यहां न्यायमूर्ति थे। इससे पूर्व भी सीबीआई ने ही हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ के तत्कालीन न्यायाधीश एसएन शुक्ला व अन्य के खिलाफ मे एक केस दर्ज किया था। उन पर उस समय रिश्वत लेकर एक मेडिकल कॉलेज के पक्ष में अपना फैसला सुनाने का भी आरोप था।