Ghaziabad Police Introduces Etiquette Communication Policy for Better Public Interaction
गाजियाबाद पुलिस में शिष्टाचार संवाद नीति लागू: अब जनता के साथ संयमित और सम्मानजनक व्यवहार अनिवार्य
AIN NEWS 1: गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट ने अधीनस्थ पुलिसकर्मियों के लिए ‘शिष्टाचार संवाद नीति’ लागू कर दी है।इस नीति का उद्देश्य पुलिस और आम जनता के बीच बेहतर और सम्मानजनक संवाद स्थापित करना है। कई मामलों में पुलिसकर्मियों के आक्रामक व अभद्र व्यवहार की शिकायतें सामने आने के बाद पुलिस आयुक्त महोदय ने यह नीति जारी की है। आइए जानते हैं इसके मुख्य बिंदु:
1. संवाद में शिष्टाचार और संयम जरूरी
पुलिसकर्मी जनता से बातचीत में आक्रामकता और व्यंग्य से बचेंगे।
‘तुम’ या ‘तू’ के स्थान पर ‘आप’ शब्द का प्रयोग अनिवार्य होगा।
किसी भी परिस्थिति में असभ्य भाषा या अपमानजनक शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाएगा।
2. संवेदनशील वर्गों के साथ विशेष सत्कार
महिलाओं, बच्चों, दिव्यांग जनों, वरिष्ठ नागरिकों और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाएगा।
उनकी समस्याओं को धैर्यपूर्वक सुना जाएगा और उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी दी जाएगी।
दिव्यांग व्यक्तियों के लिए ‘दिव्यांग जन’ शब्द का ही प्रयोग किया जाएगा।
3. महिला मामलों की विशेष व्यवस्था
महिलाओं की शिकायतें महिला हेल्प डेस्क पर महिला पुलिसकर्मी द्वारा सुनी जाएंगी।
महिला वादियों/पीड़िताओं की गोपनीयता पूर्णतः सुरक्षित रखी जाएगी।
सूर्यास्त के बाद किसी भी महिला को थाने नहीं बुलाया जाएगा।
4. संचार और मोबाइल व्यवहार
सरकारी मोबाइल या व्यक्तिगत फोन पर मर्यादित भाषा का ही प्रयोग किया जाएगा।
अपशब्द, असंसदीय भाषा और सोशल मीडिया पर अनुचित गतिविधियाँ पूर्णतः प्रतिबंधित रहेंगी।
संतरी ड्यूटी के दौरान मोबाइल, ईयरफोन, ब्लूटूथ आदि का प्रयोग वर्जित रहेगा।
5. जनता के स्वागत की समुचित व्यवस्था
थानों व चौकियों पर आगंतुकों के बैठने के लिए पर्याप्त कुर्सियों की व्यवस्था की जाएगी।
पीने का पानी और बच्चों के लिए टॉफी/चॉकलेट उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा।
6. प्रार्थना पत्रों और रिपोर्टिंग में सजगता
आवेदकों का संबोधन करते समय उनके नाम के साथ ‘जी’ शब्द जोड़ा जाएगा।
किसी भी जाँच रिपोर्ट में “आवेदक आदतन प्रार्थना पत्र देता है” जैसी टिप्पणियाँ नहीं की जाएंगी।
जाति या धर्म से संबंधित मामलों में अतिरिक्त संवेदनशीलता बरती जाएगी।
7. FIR और शिकायतों का त्वरित निस्तारण
किसी भी घटना पर तुरंत एफआईआर दर्ज की जाएगी।
पीड़ित को अनावश्यक रूप से थाने पर बैठाकर नहीं रखा जाएगा।
किसी आरोपी को थाना कार्यालय में नहीं, बल्कि हवालात में ही रखा जाएगा।
8. थाने/चौकी संचालन में बदलाव
किसी भी आगंतुक को गेट से भगाया नहीं जाएगा।
किसी भी व्यक्ति को थाने बुलाने पर उसकी शिकायत का समाधान उसी स्थान पर किया जाएगा, चौकी पर नहीं भेजा जाएगा।
9. सोशल मीडिया और अनुशासन
पुलिसकर्मी सोशल मीडिया पर रील बनाकर वायरल करने जैसी गतिविधियों से बचेंगे।
किसी भी समस्या को सोशल मीडिया पर डालने के बजाय औपचारिक माध्यम से सीनियर अधिकारियों को अवगत कराएंगे।
10. साफ-सफाई और वर्दी नियम
थाना परिसर, पुलिस लाइंस और कार्यालयों की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
पान-गुटखा खाकर थूकने और गंदगी फैलाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हर पुलिसकर्मी अपनी वर्दी पर नेमप्लेट और सिर पर कैप अनिवार्य रूप से पहनेगा।
11. घायल व्यक्तियों की त्वरित मदद
किसी घायल व्यक्ति के मामले में तत्काल मेडिकल परीक्षण के लिए चिट्ठी देकर उसे आरक्षी के साथ रवाना किया जाएगा।
12. अभियुक्तों के साथ मानवाधिकार का सम्मान
अभियुक्तों को मीडिया के सामने लाते समय मास्क पहनाना अनिवार्य रहेगा।
13. शिकायत कहां करें?
अगर किसी पुलिसकर्मी द्वारा अभद्रता या दुर्व्यवहार किया जाता है, तो उसकी ऑडियो/वीडियो रिकॉर्डिंग नीचे दिए गए नम्बरों पर भेजी जा सकती है:
पुलिस आयुक्त, गाजियाबाद: 9643322900
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, मुख्यालय: 9643323700
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, अपराध एवं कानून व्यवस्था: 9643320500
डीसीपी मुख्यालय: 9643321010
डीसीपी नगर जोन: 9643322901
डीसीपी ट्रांस हिंडन जोन: 9643322903
डीसीपी ग्रामीण जोन: 9643322902
एडीसीपी यातायात: 9643322897
मीडिया सेल, गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट
गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट की ‘शिष्टाचार संवाद नीति’ एक महत्वपूर्ण कदम है जो पुलिस और आम जनता के बीच विश्वास और सम्मान को बढ़ाने की दिशा में काम करेगा। इससे न सिर्फ जनता को बेहतर सेवा मिलेगी, बल्कि पुलिस की सकारात्मक छवि भी निखरेगी।
The Ghaziabad Police Commissionerate has announced a new Etiquette Communication Policy aimed at improving the behavior of police personnel with the public. This Ghaziabad Police reform emphasizes the use of respectful language, polite interactions, and better handling of sensitive cases involving women, children, senior citizens, and differently-abled individuals. The Ghaziabad Commissionerate seeks to build stronger trust and transparency between citizens and law enforcement by setting clear police etiquette guidelines. This move reflects a significant step towards public-friendly policing in Ghaziabad.
Jay Baba bhole ki. Jay Hind Jay Bharat
Dekhiae sar police ki vardi pahne Wala har vyakti Apne. Swabhiman ke Aadhar per apni duty ka Adhikar nahin balki vah Apne jivan ke use Aadhar ko lekar vardi pahnata hai. Jo Bharat ki unnati aur tarkki mein aadhe Ho. Lekin aur kyon. Yah isliye paida hoti hain
Ki head constable Ho. Ya sipahi. Swabhiman
Aur Samman. Yah duty ke donon hi pahlu hain
Lekin isase aage bhi Hai vah Hai hamara sanvidhan. Sanvidhan hamare har chhote se bade pad ke Adhikari ko. Protocol dhundh ke Aadhar per lagu hota Hai. Aur police Wala apni duty mein use nivaaka bhi hai. Magar ungali uthane walon ki. Aur ungali ke jawab dene walon ki bhi. Hamare police ke adhikariyon mein ek se ek Bahadur aur ek se ek political member apni vardi ke Adhikar ke Aadhar per kam chalane Wala bhi baitha hai. Lekin sanvidhan. Aur sanvidhan ka Sangh Hai Bharat ka Kanoon. Iska Gaurav vardi Wala har tarike se nibhata hai. Bus hamare Kanoon mein ek Hi.
Kami hai aur vah hai. Ki chhote ka matlab jo bhi Samaj samjhe. Bade Samaj ka vyakti
Kuchh bhi vichar mein samjhe.
Magar hamare Bharat ke javanon mein police Bal kyon Na Ho. Apne maryada ka karya pura karta hai. Jay Baba Mahakal