Ghaziabad Police Changing Behavior: Chocolates for Children, Respect for Visitors
गाजियाबाद पुलिस थानों में बदला माहौल: टॉफी-चॉकलेट से मेहमाननवाज़ी, शिष्टाचार संवाद नीति का असर
AIN NEWS 1: गाजियाबाद जिले की पुलिस व्यवस्था में एक नई और सकारात्मक पहल शुरू की गई है। अब थानों में जाने वाले आम लोगों को पहले जैसा रूखा व्यवहार नहीं झेलना पड़ रहा है। इसके बजाय उन्हें शालीनता और सम्मान के साथ पेश आने वाली पुलिस नजर आ रही है। इस बदलाव के पीछे पुलिस आयुक्त का सख्त रवैया और ‘शिष्टाचार संवाद नीति’ की शुरुआत है, जिसका असर थानों में साफ दिखने लगा है।
थानों में बदला हुआ माहौल
अब गाजियाबाद के थानों में कुछ बदला-बदला सा नजर आता है। वहां डर और सख्ती की जगह अब मुस्कान और शालीनता ने ली है। कविनगर थाना इसका प्रमुख उदाहरण है, जहां थाना प्रभारी योगेंद्र मलिक ने अपनी मेज पर टॉफी का डिब्बा सजा रखा है। उनका कहना है कि कोई भी बच्चा फरियादी के साथ आता है, तो उसे टॉफी देकर उसका स्वागत किया जाता है। इससे बच्चों को भी पुलिस से डर नहीं लगता और एक सकारात्मक संदेश समाज में जाता है।
सिहानी गेट थाने में भी दिखी मेहमाननवाज़ी
सिहानी गेट थाने में भी यह नई नीति पूरी तरह अमल में लाई जा रही है। मंगलवार को जब एक फरियादी अपने बच्चे के साथ थाने पहुंचा, तो वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उस बच्चे को टॉफी और चॉकलेट दी। यह छोटा सा कदम लोगों को यह एहसास कराने के लिए काफी है कि पुलिस अब बदल रही है और वह जनता के लिए है, जनता के खिलाफ नहीं।
फरियादियों के लिए बेहतर इंतज़ाम
गाजियाबाद पुलिस ऑफिस, जो हापुड़ रोड पर स्थित है, वहां दोपहर के समय फरियादी कुर्सियों पर आराम से बैठे दिखे। वहां पंखों की व्यवस्था की गई है ताकि लोगों को गर्मी से राहत मिल सके। शिकायत करने आए लोगों को डेस्क पर बैठा स्टाफ पूरी गंभीरता से सुन रहा था और जरूरत पड़ने पर पुलिस आयुक्त से भी उनकी मुलाकात कराई जा रही थी।
पुलिसकर्मियों को संवाद कौशल का प्रशिक्षण
नया आदेश केवल बच्चों को टॉफी देने तक सीमित नहीं है, बल्कि पुलिसकर्मियों को लोगों से बात करने के सही तरीके का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। सिहानी गेट और कविनगर थानों में पुलिसकर्मी आपस में चर्चा करते दिखे कि जनता से किस प्रकार विनम्रता से पेश आना है। यह साफ संकेत है कि पुलिस विभाग अपने व्यवहार में सुधार लाने को लेकर गंभीर है।
छेड़छाड़ पीड़िता की बात ध्यान से सुनी गई
कविनगर थाने में एक छेड़छाड़ की पीड़िता जब अपनी शिकायत लेकर पहुंची, तो महिला इंस्पेक्टर ने पूरी गंभीरता और ध्यान से उसकी बात सुनी। पहले थानों में महिलाओं को इस तरह का समर्थन कम ही मिलता था, लेकिन अब पुलिस की सोच में बदलाव दिख रहा है।
थानों में इंसानियत की मिसाल
कई बार थानों में आम लोग अपनी बाइक या वाहन गलत जगह खड़ा कर देते हैं, जिस पर पहले उन्हें डांट-फटकार मिलती थी। लेकिन अब, एक सिपाही ने युवक को समझाया कि वाहन कहां और कैसे खड़ा करना चाहिए। यह दर्शाता है कि पुलिस अब कानून का पालन सिखाने के साथ-साथ लोगों को सम्मान देने की भी कोशिश कर रही है।
थाना प्रभारी की सोच में भी आया बदलाव
थाना प्रभारी योगेंद्र मलिक का कहना है कि अब थाने का स्टाफ हर फरियादी से अच्छे व्यवहार का पालन कर रहा है। उन्होंने अपने स्टाफ को सख्त निर्देश दिए हैं कि थाने में आने वाला कोई भी व्यक्ति चाहे किसी भी वर्ग से हो, उससे सम्मान के साथ पेश आया जाए।
जनता में बन रहा विश्वास
यह पहल केवल एक नीतिगत बदलाव नहीं है, बल्कि जनता और पुलिस के बीच की दूरी को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। पहले जहां लोग थानों में जाने से डरते थे, वहीं अब वे अपनी बात खुलकर रख पा रहे हैं। इससे न केवल पुलिस की छवि सुधरेगी, बल्कि कानून व्यवस्था में आम लोगों का सहयोग भी बढ़ेगा।
गाजियाबाद पुलिस की यह नई पहल दिखा रही है कि अगर इरादा साफ हो तो बदलाव लाना मुश्किल नहीं होता। टॉफी-चॉकलेट जैसे छोटे-छोटे कदम भी समाज में बड़ा असर डाल सकते हैं। उम्मीद की जा रही है कि यह शिष्टाचार संवाद नीति आगे चलकर पूरे राज्य में एक मिसाल बनेगी।
Ghaziabad police stations are undergoing a positive transformation under the new politeness policy. Officers are now treating citizens with greater respect and courtesy. Chocolates and toffees are being offered to children visiting with complainants, creating a more welcoming environment. This initiative, implemented across police stations like Kavinagar and Sihani Gate, is part of a larger strategy to reform public-police relations and enhance citizen satisfaction in UP police services.