AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के औरैया में ही नेशनल हाईवे पर सपाइयों के कई सारे वाहनो से जुलूस निकालने के मामले में एसपी ने बड़ा एक्शन ले लिया है। एसपी ने कोतवाल और एलआईयू इंस्पेक्टर को भी इस मामले में निलम्बित कर दिया है। ये पूरी कार्रवाई तब हुई जब जुलूस का यह एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफ़ी ज्यादा वायरल होने लगा, जिसमें सपाई वाहनों में लटकते हुए दिख रहे हैं, हालांकि आपका अपना न्यूज़ पोर्टल AIN NEWS 1 ऐसे किसी भी वायरल वीडियो की पुष्टि तो नहीं करता है।
#Watch: यूपी के औरैया में बिना अनुमति नेशनल हाईवे पर गाड़ियों से सपाइयों का जुलूस निकलने का वीडियो वायरल हुआ तो एसपी ने बड़ी कार्रवाई की। एसपी ने लापरवाही बरतने वाले कोतवाल और एलआईयू इंस्पेक्टर को तुरंत सस्पेंड कर दिया।#UttarPradesh #Auraiya pic.twitter.com/TxlYaea4bp
— 𝐀𝐈𝐍 𝐍𝐄𝐖𝐒 𝟏 (@ainnews1_) March 4, 2024
दरअसल हुआ यूं के सपा नेता गौरव यादव को समाजवादी युवज सभा का जिलाध्यक्ष बनाए जाने पर जिला महासचिव ओमप्रकाश ओझा ने दो मार्च के लिए अपने कार्यालय में कार्यकर्ता सम्मेलन की अनुमति प्रशासन से ली थी। बैठक से पहले ही गौरव यादव ने शक्ति प्रदर्शन के लिए बिना किसी अनुमति के कई सारे वाहनों के एक बड़े काफिले के साथ नेशनल हाईवे पर अपना जुलूस निकाला।पुलिस और प्रशासन ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया, लेकीन अगले दिन रविवार को जुलूस का एक वीडियो वायरल हुआ तो सभी अधिकारी सक्रिय हुए। वरिष्ठ अफसरों के अनुसार इस वीडियो में सपा कार्यकर्ता गाड़ियों में लटककर अराजकता करते हुए भी दिख रहे हैं, जो यातायात के सभी नियमों का उल्लंघन भी कर रहे है। इससे पूरी सड़क पर अन्य वाहनों को भी बाधा पैदा हुई। इस पूरे मामले में एसपी चारू निगम ने बताया कि जिले में धारा 144 लागू, इसका भी इस जुलूस में उल्लंघन किया गया। इस लिए इनके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है। एसपी के अनुसार इसका पूरा संज्ञान कोतवाल पंकज मिश्रा और इंस्पेक्टर एलआईयू निर्दोष दीक्षित को था, लेकिन उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना नहीं दी। इस दौरान लापरवाही पर दोनों को ही निलंबित कर दिया गया। इसके अलावा पुलिस ने जुलूस में शामिल 10 लोग हिरासत में लेने के साथ ही इस मामले में चार वाहन भी कब्जे में लिए हैं। इस दौरान सपा जिलाध्यक्ष सर्वेश बाबू गौतम का कहना है कि नए पदाधिकारी घोषित होने पर उनके स्वागत की हमेशा से ही परंपरा रही है। कहीं कोई कानून का उल्लंघन हो रहा था तो पुलिस को पहले ही रोकना चाहिए और बताना भी चाहिए था।