AIN NEWS 1 Baba ramdev, Acharya Balkrishna in Supreme Court: पतंजलि के द्वारा किए गए झूठे विज्ञापन मामले में आज (2 अप्रैल 2024) को कोर्ट मे सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव भी पेश हुए। इसके अलावा पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण भी आज देश की शीर्ष अदालत में हाजिर हुए है। और कोर्ट ने इन दोनों को बहुत कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि कोर्ट को पूरी गंभीरता से लें। वैसे तो हम सभी जानते है कानून की महिमा सबसे ऊपर है और आपने इसकी सारी सीमाएं लांघ दीं। कोर्ट ने पिछली सुनवाई में ही इन दोनों को अवमानना नोटिस जारी करते हुए कोर्ट में पेश होने को कहा था। यहां हम आपको बता दें कि पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापनों के मामले में दायर याचिका पर नवंबर 2023 से ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। यह सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने ही की।
कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से भी इस मामले मे पूछा कि केंद्र की सलाह के बाद आख़िर क्या कदम उठाया गया? सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव को हलफनामा दाखिल करने के लिए भी आखिरी मौका दिया। सुप्रीम कोर्ट 10 अप्रैल को अब इस मामले की सुनवाई करेगा। इस मामले मे अगली सुनवाई पर बालकृष्ण और रामदेव को पेश होना ही होगा।बाबा रामदेव-बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट की यह चेतावनी- आप लोग देश सेवा का बहाना मत बनाओ, आप चाहें कितने ऊंचे हों, कानून की महिमा सबसे ऊपर, आपने सारी सीमाएं लांघ दीं:सुप्रीम कोर्ट, इस मामले मे पतंजलि की तरफ से दिए गए जवाब से संतुष्ट नहीं दिखा और कंपनी के रवैये पर पर अपनी नाराजगी जताई। बता दें कि रामदेव के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से हाथ जोड़कर माफी भी मांगी। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस हिमा कोहली ने इस दौरान कहा कि हमें काफ़ी हैरानी है कि इतना सब कुछ होने के बावजूद केंद्र सरकार ने अपनी आंखें आख़िर क्यों बंद रखीं।
जान ले सुप्रीम कोर्ट में क्या-कुछ हुआ?
यहां हम आपको बता दें सबसे पहले कोर्ट ने पूछा कि क्या रामदेव और पतंजलि दोनों ही कोर्ट में आए हैं? इसके बाद कोर्ट ने कहा कि अगर हां, तो हम जरूरत के मुताबिक उन्हें यहाँ बुलाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि रामदेव का दायर किया गया हलफनामा कहां है? कोर्ट ने कहा कि पतंजलि और बालकृष्ण की तरफ से हलफनामा दाखिल हुआ है।
कोर्ट ने आगे भी कहा कि इनको दो हलफनामे दाखिल करने चाहिए थे। लेकिन इनके द्वारा एक ही किया गया है और दूसरा हलफनामा दाखिल अभी नहीं हुआ है।
अवमानना नोटिस को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने पहले कंपनी और एमडी को जवाब दाखिल करने को इस मामले मे कहा था। जब जवाब नहीं दाखिल किया गया तब हमने अवमानना नोटिस जारी किया। बालकृष्ण के वकील से ही उनका एफिडेविट पढ़ने को कहा।इसके बाद कोर्ट ने उन्हे फटकार लगाते हुए कहा कि आपकी माफी काफी नहीं है। जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी और पतंजलि विज्ञापन लगातार छापे जा रही थी। सुप्रीम कोर्ट -अदालत के आदेशों को हल्के में नहीं लिया जा सकता। देश सेवा का बहाना मत बनाइये, अदालत को गंभीरता से लें।
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि आपकी ओर से केवल आश्वासन दिया गया और उसके बाद भी इसका उल्लंघन किया गया। यह देश की सबसे बड़ी अदालत की केवल तौहीन है और अब आप इसके लिए माफी मांग रहे हैं। यह हमें यह स्वीकार नहीं है। आपने इस एक्ट का उलंघन कैसे किया? आपने कोर्ट को अंडरटेकिंग देने के बाद भी इसका उल्लंघन किया। आप इसके परिणाम के लिए तैयार हो जाएं।
सुप्रीम कोर्ट ने आगे रामदेव पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आप चाहें कितने भी ऊंचे हों, क्या आप कानून से ऊपर हैं? कानून की महिमा ही सबसे ऊपर है। बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण दर्शक दीर्घा से आकर वहा कोर्ट के सामने खड़े हुए।कोर्ट ने कहा कि जिस हलफनामे के जरिए इस मामले मे माफी मांगने या खेद जताने की बात कही जा रही है वो अब तक हमे नहीं मिला ही नहीं है। SC ने बाबा रामदेव और बालकृष्ण को भी चेतावनी दी की वो गलत हलफनामे दाखिल करने को लेकर कोर्ट की कार्रवाई का समाना करने को लेकर भी पूरी तरह से तैयार रहें। सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामे में गलती बताते हुए कहा कि ये परजूरी का केस है। रामदेव के वकील को कहा कि आपने हलफनामे में सही तथ्य नहीं रखे। अवमानना के अलावा कोर्ट में झूठा हलफनामा देने का केस भी अब आप पे चलाएंगे।