AIN NEWS 1: जैसा कि आप जानते है देश मे लोकसभा चुनाव के नतीजे तो चार जून को घोषित होंगे ही। लेकिन उससे पहले ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का खाता अभी खुल गया है। एक सीट पर अभी से भाजपा उम्मीदवार की जीत हो गई है। यहां पर गुजरात की सूरत सीट पर यह पूरा कमाल हुआ है। इस दौरान कांग्रेस के यहा पर दो उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने और अन्य सभी लड़ रहे 8 प्रत्याशियों की ओर से अपने नाम वापस लिए जाने के बाद से भाजपा के मुकेश दलाल यहां से निर्विरोध जीत गए। लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों की ओर से अपने नाम वापस लिए जाने के बाद सूरत के कलेक्टर ने मुकेश दलाल को उनकी जीत का प्रमाण पत्र भी सौंपा दिया । गुजरात में ही भाजपा के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने सोमवार को अपने सोशल मीडिया पर दलाल को जीत की बधाई भी दी। पाटिल ने मुकेश दलाल की तस्वीरों के साथ मे एक्स पर लिखा, ‘सूरत ने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदी को पहला कमल खिलाया गया! सूरत की लोकसभा सीट प्रत्याशी मुकेशभाई दलाल को निर्विरोध निर्वाचित होने पर बधाई एवं शुभकामनाएं!’रिटर्निंग ऑफिसर सौरभ पारधी ने भी मिडिया को फोन पर बताया, ‘सफल नामांकन वाले सभी 8 उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस ले लिया है और इस तरह से ही दलाल निर्विरोध चुने गए हैं।’ सोमवार को बसपा के प्यारेलाल भारती का नामांकन वापस लेने वाले आखिरी उम्मीदवार थे। दोपहर करीब 2 बजे जैसे ही उन्होंने अपना नाम चुनाव से वापस लिया, दलाल की र्निविरोध जीत हो गई। सूरत में 15 से 19 अप्रैल को नामांकन दाखिल किए गए थे। 22 अप्रैल तक इनके नाम वापस लिए जा सकते थे। सूरत में तीसरे फेज में 7 मई को ही मतदान होना था।
यहां हम आपको बता दें एक दिन पहले ही कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभाणी का नामांकन पत्र कुछ त्रुटी के चलते खारिज कर दिया गया था। सूरत से ही पार्टी के वैकल्पिक उम्मीदवार सुरेश पडसाला का नामांकन पत्र भी अमान्य करार दिया गया। इसके बाद अन्य सभी उम्मीदवारों ने अपना नाम अपने आप ही वापस लेकर दलाल की जीत सुनिश्चित कर दी।
इस पूरे प्रकरण मे कांग्रेस ने कहा- कोर्ट जाएंगे
कांग्रेस की ही गुजरात इकाई के प्रमुख शक्तिसिंह गोहिल ने रविवार को यह आरोप लगाया कि सूरत लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार का जो नामांकन पत्र भाजपा के इशारे पर खारिज किया गया। कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता ने कहा कि नामांकन पत्र जमा करने के बाद केवल उन्हे इस दावे पर नामांकन फॉर्म रद्द नहीं किया जा सकता है कि फॉर्म में प्रस्तावकों के हस्ताक्षर उनके ही नहीं हैं। निर्वाचन अधिकारी के अनुसार, प्रस्तावकों ने अपने हलफनामे में साफ़ कहा कि उन्होंने फॉर्म पर खुद हस्ताक्षर नहीं किए हैं। गोहिल ने यहां पर यह भी दावा किया कि 2022 के चुनावों में सूरत-पूर्व विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार का नामांकन पत्र भी रद्द नहीं किया गया था, भले ही दो प्रस्तावकों ने उस समय दावा किया था कि उन्होंने उनके नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए थे। उन्होंने निर्वाचन आयोग से हस्तक्षेप करने का भी आग्रह किया। गोहिल ने कहा, ‘यह लोकतंत्र की हत्या है। हम (निर्वाचन अधिकारी के) इस आदेश के खिलाफ इस मामले मे हाई कोर्ट में याचिका दायर करेंगे और जरूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट का भी हम रुख करेंगे।’