AIN NEWS 1: जैसा कि आप जानते है बकरीद मुस्लिमों का एक बड़ा त्यौहार है लेकीन इससे ठीक पहले महाराष्ट्र से एक बेहद चौकाने वाला मामला सामने आ रहा है। नवी मुंबई में कुर्बानी के लिए लाए गए एक बकरे के ऊपर ‘राम नाम’ लिखकर उसे बजार में बेचने की कोशिश की जा रही है। यहां पर योजना इस बकरे की कुर्बानी देने की थी मगर इससे पहले ही कुछ हिंदू संगठनों को इस मामले की पूरी जानकारी मिल गई। इसके बाद इस मामले की जानकारी वहा पुलिस को भी दी गई।
इस दौरान नवी मुंबई से धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली यह खबर आई है। बकरीद से पहले ही बेलापुर में एक बकरे के ऊपर राम का नाम लिखकर उसे बेचने की पूरी तैयारी थी। एक मटन शॉप का मालिक इस बकरे को बेचने के लिए अपनी दुकान पर लेकर आया था। इस शॉप ऑनर का नाम मोहम्मद शफी शेख बताया जा रहा है।
कुर्बानी के बकरे पर ‘राम नाम’ लिखकर उसे बेचने की तैयारी
कुछ हिंदू संगठनों को जब इस पूरे मामले की भनक लग गई। इसके बाद वो आनन-फानन में ही इस दुकान पर पहुंचे। और इस पूरे मामले की जानकारी पुलिस को उन्होने दी गई। पुलिस भी मौके पर पहुंची और इस मामले में अब एक FIR दर्ज किया। बेलापुर पुलिस स्टेशन में IPC की धारा 295 ए के तहत ही यह मामला दर्ज किया गया है, इसके अलावा IPC की धारा 34 और पशु क्रूरता के अधिनियम 11 के तहत भी इसमें मामला दर्ज किया गया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक महानगरपालिका द्वारा ही इस मटन शॉप से कुल 22 बकरों कोभी जप्त किया गया है।
इस समय पुलिस हिरासत में इस शॉप का ऑनर
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक नवी मुंबई में स्थित सीबीडी सेक्टर वन में ही गुड़ लक मटन शॉप पर यह ‘राम नाम’ लिखा हुआ बकरा बेचने के लिए रखा हुआ था। इसके बाद इस पूरे मामले में हिंदू संगठनों द्वारा विरोध करने पर पुलिस ने आईपीसी की कई धाराओं के तहत अब मामला दर्ज करते हुए शॉप के ओनर को भी हिरासत में लिया है। उस पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का गम्भीर आरोप लगा है।
यह आप सभी जानते है बकरीद पर जानवरों की बलि की परंपरा
पुलिस ने इस मामले मे कहा कि भगवान राम हिंदु धर्म के आराध्या हैं और उनसे करोड़ों हिंदुओं की आस्था भी जुड़ी हुई है। ऐसे में यह पूरा मामला धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला ही लग रहा है। बता दें कि 17 जून को मुस्लिमों का यह त्यौहार बकरीद है। इस दिन इन जानवरों की बलि दी जाती है। मुस्लिम धर्म को लोग पैगंबर इब्राहिम की ईश्वर के प्रति आज्ञाकारिता को इसके माध्यम से याद करते हुए जानवरों की बलि देते हैं। यहां हम आपको बता दें बकरीद के दौरान तीन दिनों तक जानवरों की बलि देने की परंपरा है।