AIN NEWS 1 New Criminal Laws : देश में 1 जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू होने जा रहे हैं। इन कानूनों की जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए सरकारी एजेंसियां जुटी हुई हैं।
नए आपराधिक कानून
1 जुलाई से जिन तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू किया जा रहा है, वे हैं:
- भारतीय न्याय संहिता (BNS)
- भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS)
- भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA)
इन कानूनों के लागू होने के बाद भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC), और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम को हटा दिया जाएगा।
प्रमुख बदलाव और विशेषताएं
- नई संहिता का स्थान: भारतीय न्याय संहिता (BNS) 163 साल पुराने IPC की जगह लेगी।
- सख्त सजा: आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अपराधों में सजा को और सख्त बनाया जाएगा।
- मॉब लिंचिंग: मॉब लिंचिंग को आतंकवादी कृत्य माना जाएगा और इस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नए कानूनों के प्रमुख बिंदु
- ऑनलाइन FIR और सुनवाई: FIR से लेकर कोर्ट के निर्णय तक की सुनवाई पूरी तरह ऑनलाइन होगी।
- शिकायत और FIR: ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने के तीन दिनों के अंदर FIR दर्ज करनी होगी, वरना कड़ी कार्रवाई होगी।
- फॉरेंसिक जांच: सात साल से ज्यादा सजा वाले सभी अपराधों में फॉरेंसिक जांच अनिवार्य होगी।
- यौन उत्पीड़न रिपोर्ट: यौन उत्पीड़न के मामलों में सात दिनों के अंदर रिपोर्ट जमा करनी होगी।
- आरोप तय करने का समय: कोर्ट में पहली सुनवाई से पहले 60 दिनों के अंदर आरोप तय करना होगा।
- सुनवाई का फैसला: आपराधिक मामलों में सुनवाई पूरी होने के 45 दिनों के अंदर फैसला करना होगा।
- भगोड़े अपराधी: भगोड़े अपराधियों के केस को 90 दिनों के अंदर दायर करना होगा।
अवेयरनेस और ट्रेनिंग
सरकारी एजेंसियां और पुलिस विभाग इन नए कानूनों की जानकारी और अनुपालन के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहे हैं। इसके लिए पुस्तिकाएं और ऑनलाइन ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार किए गए हैं।
1 जुलाई से लागू होने वाले ये नए कानून देश की आपराधिक न्याय प्रणाली को अधिक पारदर्शी और सख्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।