AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में यूपी पुलिस के एक दरोगा को एंटी करप्शन की टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया है। इस दरोगा का नाम आशुतोष बताया जा रहा है। जिसने महबूब नाम के एक आदमी से उसके मुकदमे में एफआर लगाने के नाम पर कुल 20 हजार रुपए की मांग की थी। इस दरोगा आशुतोष को एंटी करप्शन की टीम ने आज 20 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए ही अरेस्ट किया है। यह दरोगा सरुरपुर थाने की खिवाई चौकी पर अभी इंचार्ज है। मारपीट के एक मुकदमे में एफआर लगाने के लिए रिश्वत मांगी गई थी। इस दरोगा पर रोहटा थाने में ही एंटी करप्शन टीम ने एक मुकदमा दर्ज कराया है। इस शिकायतकर्ता ने बताया है कि इस गांव में कुछ झगड़ा हुआ था। 11 जून को इसमें एक मुकदमा भी लिखा गया था। अब दरोगा आशुतोष ने इस मुकदमें में एफआर लगाने के लिए ही 20 हजार रुपए मांगे थे।
पीड़ित द्वारा पैसे देने से मना किया तो उन्होंने कहा बिना पैसे दिए मुकदमें में एफआर नहीं लगेगी। इसके बाद से ही एंटी करप्शन टीम से इस पूरे मामले की शिकायत की थी। जिसके बाद टीम ने आज दरोगा को रिश्वत लेते हुए मौके से अरेस्ट किया है। इस मामले मे पीड़ित महबूब ने बताया कि उसका साला किसी लड़की को लेकर कहीं पर चला गया था। लेकिन इस मामले में ही पीड़ित पक्ष ने मकबूल पर बेवजह ही मुकदमा कराया था। बाद में उससे कुल डेढ़ लाख रुपए भी ले लिए गए। जब महबूब ने भी पुलिस से इसकी शिकायत की तो उन लोगों ने उसके कुछ रुपया वापस भी कर दिया लेकिन बाकी पैसे उन्होने नहीं दिए। इसको लेकर लगातार वो अपनी शिकायत कर रहा था। तभी 11 जून के आसपास ही उन लोगों ने उसकी मारपीट कर दी। इसी मामले में ही एफआर लगाने के लिए दरोगा आशुतोष ने भी 20हजार रुपए मांगे थे।
मात्र 14 महीने की हुई है नौकरी और शुरू कर दी वसूली
इस दरोगा आशुतोष ने मार्च 2023 में ही नौकरी ज्वाइन की थी। उसे अपनी नौकरी मे आए हुए अभी कुल 14 महीने ही हुए थे। इतनी छोटी सी नौकरी में ही उसे भ्रष्टाचार की आदत भी पड़ गई और इसने वसूली भी शुरू कर दी।