AIN NEWS 1:( Lowest Muslim Population State) जैसा कि हम सभी जानते है भारत एक विविधता से भरा हुआ देश है जहां पर अलग-अलग धर्मों और संस्कृतियों के मानने वाले लोग एक साथ रहते हैं। यहां पर हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और कई सारे अन्य धर्मों के मानने वाले लोग भी रहते हैं। इस विविधता के बावजूद भी हम सब एक ही धागे से पूरी तरह बंधे हुए हैं, हम सब ही एक-दूसरे के प्रति प्रेम और सम्मान रखते हैं। और यही हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत भी है। हालांकि, यहां हम बता दें भारत के अलग-अलग राज्यों में कई धर्मों की जनसंख्या का अनुपात कुछ अलग-अलग है। कुछ ऐसे राज्य भी है जिनमें मुसलमानों की आबादी बहुत ही कम है तो कई सारे ऐसे राज्य ऐसे भी है जहां मुसलमानों की आबादी बहुसंख्यक हो गई है। हालांकि हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में अभी तक मुसलमानों की आबादी बेहद ही कम हैं। इन राज्यों में मुसलमानों की कम आबादी के पीछे की विभिन्न ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक कारण भी रहे हैं। आइए आज हम जानते हैं उन सभी पाँच राज्यों के बारे में जहां मुसलमानों की आबादी अभी तक सबसे कम है।
1. इसमें सबसे पहले मिजोरम
यहां हम आपको बता दें मिजोरम की कुल जनसंख्या लगभग 12 लाख है। यहाँ पर मुसलमानों की संख्या 1.35% है, यानी लगभग 16,000। यहां की जनसंख्या में मुख्य रूप से मिजो जनजातियाँ भी शामिल हैं, जो ईसाई धर्म का ही पालन करती हैं। जिसने यहाँ की जनसंख्या की धार्मिक पहचान को निर्धारित किया हुआ है और जिससे यहां अन्य धर्मों के लोगों की संख्या काफ़ी कम है। यहां आइजॉल, लुंगलेई, और चंफाई जैसे बड़े शहरों में भी मुसलमान बसे हुए हैं। ये मुख्यतः व्यापारी और कुछ शिक्षक भी हैं। आइजॉल में कुछ प्रमुख मस्जिदें भी हैं जहां बड़ी संख्या में मुसलमान इकट्ठा होते रहते हैं और अपनी धार्मिक गतिविधियों को यही से संचालित करते हैं।
2. इसमें दूसरा सिक्किम
सिक्किम में भी मुसलमानों की आबादी बहुत ही कम है। सिक्किम की कुल जनसंख्या लगभग 6.1 लाख है। यहां पर मुसलमानों की संख्या 1.62% , यानी लगभग 10,000 है। यह गंगटोक और आसपास के सभी क्षेत्रों में रहते हैं। यहां की राजधानी होने के कारण गंगटोक में व्यापार और व्यवसाय करने वाले मुसलमानों की संख्या कुछ अधिक है। सिक्किम की कम जनसंख्या और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों की तुलना में भिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं के कारण ही यहां मुसलमानों की आबादी अभी कम है। सिक्किम में स्थानीय समुदायों का प्रभाव कुछ अधिक है, जिसके चलते बाहरी लोगों का प्रवास कम है। सिक्किम में बौद्ध धर्म का काफ़ी गहरा प्रभाव है और यह ऐतिहासिक रूप से बौद्ध राज्य रहा है।
3. इसमें तीसरा हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश में भी मुसलमानों की आबादी बहुत ही कम है। यहां की कुल जनसंख्या लगभग 68 लाख है। इसमें से मुसलमानों की आबादी भी लगभग 1.2 लाख है, जो कुल आबादी का लगभग 1.72% है। हिमाचल प्रदेश में मुसलमान ज्यादातर शिमला, कुल्लू और मनाली जैसे पर्यटक स्थलों पर ही रहते हैं। इसके अलावा, कुछ मुसलमान मंडी और कांगड़ा जिलों में भी बसे हुए हैं। वैसे यह एक पहाड़ी राज्य है जहां मुख्य रुप से हिंदू धर्म का पालन ही किया जाता है। यहां के इतिहास और सांस्कृतिक संरचना में हिंदू धर्म का बहुत ही गहरा प्रभाव है। इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश का मौसम और भौगोलिक स्थिति भी इसका एक बड़ा कारण है, जिसके कारण अन्य राज्यों के लोग यहां पर स्थायी रूप से बसने से कतराते हैं।
4. चौथा अरुणाचल प्रदेश
यहां हम आपको बता दें अरुणाचल प्रदेश की कुल जनसंख्या लगभग 14 लाख है। यहां मुसलमानों की संख्या कुल 1.95% है, यानी लगभग 27,000। वैसे तो अरुणाचल प्रदेश की जनसंख्या बहुत ही कम है और यहां की प्रमुख जनजातियां मुख्यतः आदिवासी धर्म और ईसाई धर्म का ही पालन करती हैं। यहां के मुसलमान ईटानगर, पासीघाट, और तेजू जैसे शहरों के आसपास के क्षेत्रों में ही रहते हैं। ईटानगर राज्य की राजधानी है और यहां पर व्यवसाय और व्यापार करने वाले मुसलमानों की संख्या कुछ अधिक है। अरुणाचल प्रदेश की भौगोलिक और सांस्कृतिक विशेषताएं यहां मुस्लिम जनसंख्या को कम बनाती हैं। यहां के आदिवासी समूहों और उनकी परंपराओं का भी काफ़ी गहरा प्रभाव है, जिसके कारण बाहरी लोगों का प्रवास यहां पर कम है।
5. पांचवा राज्य मेघालय
मेघालय में भी मुसलमानों की आबादी लगभग 1.3 लाख है, जो की यहां पर कुल जनसंख्या का लगभग 4.4% है। यहाँ की जनसंख्या में मुख्य रूप से खासी, गारो और जयंतिया जनजातियाँ भी शामिल हैं, जो पूरी तरह ईसाई धर्म का पालन करती हैं। मेघालय की प्रमुख जनजातीय आबादी और स्थानीय धर्मों का भी प्रभाव यहां मुस्लिम जनसंख्या को काफ़ी कम बनाता है। इतिहास में भी मेघालय में मुस्लिम शासन का कोई प्रभाव नहीं रहा है। यहां शिलांग और तुरा जैसे बड़े शहरों में मुसलमान बसे हुए हैं। यह मुख्यतः व्यापारी, शिक्षक, और सरकारी कर्मचारी भी हैं।