Yogi Adityanath Orders Strict Action on Professional Blood Donors and Food Safety Monitoring
मुख्यमंत्री योगी का निर्देश: पेशेवर रक्तदाताओं पर नियंत्रण और खाद्य सुरक्षा की सख्त निगरानी
AIN NEWS 1: लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्य में खाद्य सुरक्षा और औषधि नियंत्रण को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि तेल, घी, मसाले, दूध और पनीर जैसी दैनिक उपयोग की वस्तुओं की जांच प्राथमिक रूप से उनके उत्पादन स्थल यानी फैक्ट्री या यूनिट पर ही की जाए। इससे न केवल मिलावट की संभावना पर रोक लगेगी बल्कि उपभोक्ताओं को सुरक्षित और शुद्ध उत्पाद भी मिल सकेंगे।
दुग्ध उत्पादों पर विशेष निगरानी
योगी आदित्यनाथ ने दूध और उससे बने उत्पादों पर विशेष रूप से गहन जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए समर्पित टीमें बनाई जाएं जो निरंतर इन उत्पादों की गुणवत्ता की निगरानी करें। इन टीमों का कार्य केवल सैंपलिंग तक सीमित न होकर, उत्पादन प्रक्रिया की भी गहराई से जांच करना होना चाहिए।
पेशेवर रक्तदाताओं पर नियंत्रण की आवश्यकता
बैठक में एक महत्वपूर्ण विषय पेशेवर रक्तदाताओं की पहचान और उन पर नियंत्रण का भी था। मुख्यमंत्री ने कहा कि आमजन के स्वास्थ्य की सुरक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। ऐसे में पेशेवर रक्तदान पर प्रभावी अंकुश लगाना अनिवार्य है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पेशेवर रक्तदाताओं की पहचान करके उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए ताकि जरूरतमंद मरीजों को सुरक्षित और उपयुक्त रक्त मिल सके।
प्रयोगशालाओं के लिए ‘कॉर्पस फंड’ का प्रस्ताव
खाद्य पदार्थों और औषधियों की गुणवत्ता जांचने के लिए स्थापित प्रयोगशालाओं के सुचारु संचालन व रखरखाव के लिए मुख्यमंत्री ने ‘कॉर्पस फंड’ स्थापित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि लखनऊ और मेरठ में सूक्ष्मजीवों और रोगकारक जीवों की जांच की सुविधा शुरू की जा चुकी है, लेकिन इन प्रयोगशालाओं को और अधिक सशक्त बनाने की आवश्यकता है। इस दिशा में फंड की स्थायी व्यवस्था की जानी चाहिए जिससे उपकरणों का रखरखाव और जांच प्रक्रिया बिना किसी रुकावट के चल सके।
नकली दवाओं पर सख्त कार्रवाई
नकली औषधियों के बढ़ते कारोबार पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि पुलिस विभाग के साथ बेहतर समन्वय स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन कार्यवाहियों की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए विभिन्न विभागों के बीच तालमेल बेहद जरूरी है। नकली दवाओं के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों की समीक्षा भी की गई।
शिकायतों के निस्तारण में पारदर्शिता अनिवार्य
मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी शिकायत का निस्तारण केवल तभी मान्य होगा जब शिकायतकर्ता उससे संतुष्ट हो। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही शासन की प्राथमिक शर्त है और जनहित से जुड़ी शिकायतों को गंभीरता से लेना अत्यंत आवश्यक है।
राज्य सरकार की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि आमजन के स्वास्थ्य की सुरक्षा उत्तर प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस दिशा में कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि शासन की हर कार्रवाई पारदर्शिता और प्रतिबद्धता के साथ होनी चाहिए ताकि जनता को भरोसा मिल सके कि राज्य सरकार उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति पूरी तरह सजग है।
In a high-level FSDA meeting, Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath emphasized the need for strict action against professional blood donors and intensified food safety checks. He directed that food products such as oil, ghee, spices, milk, and paneer must be tested at the production unit level. The CM also proposed a corpus fund for food testing labs and urged coordination with police to control fake medicines. These initiatives reinforce the state’s commitment to public health and food safety.